श्रीकृष्ण का जीवन प्रशासनिक दक्षता का श्रेष्ठ उदाहरण है – मुख्यमंत्री डॉ.यादव
शिक्षा की परंपरा से प्रदेश व उज्जैन का बहुत पुराना नाता है
उज्जैन, 11 दिसम्बर। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि समय और प्रलय, दोनों के स्वामी, महामृत्युंजय बाबा श्री महाकाल को मेरा दंडवत प्रणाम। मंचासीन गुरुजनों एवं साधु-संतों के समक्ष शीश नवाते हुए मैं यहाँ उपस्थित सभी श्रद्धालु गणों और जनता जनार्दन का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। बाबा श्री महाकाल की नगरी उज्जैन, जो सदा से ही धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बिन्दु है, आज श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ से और अधिक भव्य, दिव्य और ऊर्जामयी लग रही है। अर्जुन को माध्यम बनाकर मुक्ति के तीनों मार्गों – भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग की गूढ़ता को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए मोक्षदा एकादशी के दिन ही कुरूक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अपना विराट स्वरूप प्रकट किया था और श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में ज्ञान का संदेश दिया। वेदों का सार उपनिषदों में है और उपनिषदों का निचोड़ भगवद्गीता में है। इस लिहाज से विश्व की प्राचीनतम और समृद्धतम आध्यात्मिक ज्ञानकोष का क्रैशकोर्स है भगवद्गीता। आजकल धर्म का अर्थ केवल पूजा-पद्धति से जोड़ा जाता है, लेकिन सनातन संस्कृति में धर्म का वास्तविक अर्थ था आदर्श आचरण संहिता। श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने के उसी आदर्श आचरण का प्रकटीकरण है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा भगवान श्रीकृष्ण का मध्यप्रदेश व उज्जैन से गहरा नाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध के पश्चात उनके पिता को राजा बनाया व स्वयं उन्होंने उज्जैन के सांदीपनी आश्रम में आकर 64 कलाओं की शिक्षा प्राप्त की। यह बात मनुष्य के जीवन में शिक्षा के महत्व को दर्शाती है और शिक्षा की सनातन परंपरा से मध्यप्रदेश व उज्जैन का गहरा नाता जोड़ती है। महाभारत के युध्द में भगवान श्रीकृष्ण ने नारायणी सेना कौरवों को दी और स्वयं पाण्डवों के पक्ष में रहे। भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त नारायणी सेना का अनुशासन इतना श्रेष्ठ था कि उसके सैनिकों ने युध्द भूमि से पलायन नहीं किया अपितु अंत तक युध्द में डटे रहे। यह भगवान श्रीकृष्ण की अद्वितीय प्रशासनिक दक्षता का अद्भुत उदाहरण है।
भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकली श्रीमद्भगवद् गीता से कर्मयोग की शिक्षा प्राप्त होती है। भारत ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व में लोग गीता की शिक्षाओं का अनुसरण कर रहे हैं। श्रीमद्भगवद् गीता प्राणियों के जीवन में शांति, सहनशीलता, न्यायोचित, आदर्श जीवन मूल्य, मर्यादा का संदेश देती है। सनातन संस्कृति इस संदेश को धारण कर हजारों वर्ष के प्रहार सहने के बाद भी अपने सम्पूर्ण गौरव के साथ जीवित है।
गीता के संदेश से मानवमात्र के कल्याण के लिए अपने जीवन का क्षण-क्षण समर्पित कर देने की प्रेरणा मिलती है। चाहे आप छात्र हों, गृहिणी हों, व्यवसायी हों, नौकरीपेशा हों, या अधिकारी हों, चाहे आप हिन्दू हों, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई या मुस्लिम हों, श्रीमद्भगवद्गीता आपको अपने-अपने क्षेत्र में, अपने-अपने पंथ में रहते हुए बेहतर प्रोफेशनल, बेहतर पिता, बेहतर पुत्र, बेहतर नागरिक और बेहतर नेतृत्वकर्ता बनने का मार्गदर्शन करेगी। इसलिए जीवन में लक्ष्य पाने के लिए हम सभी को भगवद् गीता का दिव्य पाठ करना चाहिए। गीता का ज्ञान सभी के लिए है, गीता साक्षात देववाणी है, गीता दिव्यवाणी है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि आज भोपाल में भगवत भक्तों ने गीता पाठ कर एक अनूठा विश्व रिकार्ड बनाया है। हम मध्यप्रदेश में गीता जी को पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित कर रहे हैं। भगवद गीता पर आधारित स्कूली छात्रों की प्रतियोगिता में 45 लाख से अधिक बच्चों ने भाग लिया व पुरस्कार जीतें।
श्री कृष्ण पाथेय अंतर्गत जहां भगवान श्री कृष्ण के चरण पड़े वहां बनेंगे तीर्थ
प्रदेश में श्री कृष्ण पाथेय का निर्माण किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रदेश में विद्यमान भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।राज्य शासन द्वारा प्रदेश में जन्माष्टमी का आयोजन धूमधाम से किया गया। जन्माष्टमी पर शैक्षणिक संस्थाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित विभिन्न प्रसंगों पर गतिविधियां संचालित की गईं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने यह बुधवार शाम को कालिदास अकादमी में आयोजित अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम के अपने उद्बोधन में कहा।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने श्री गणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परंपरा, समय का भारतीयकरण पुस्तकों का विमोचन किया
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी परिसर में ‘श्रीमद्भागवत पुराण’ की पहाड़ी शैली में निर्मित चंबा के कलाकार श्री विजय शर्मा की चित्र प्रदर्शनी देखी। इसके पश्चात इस्कॉन मंदिर का श्रीमद्भगवद गीता के प्रचार रथ को पूजा अर्चन कर रवाना किया। यह प्रचार रथ संपूर्ण भारत में भगवद् गीता का प्रचार करेगा। मंच पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा श्रीमद भागवद् गीता एवं मूल्य आधारित शिक्षा पर आयोजित छात्रों की प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिए। प्रथम पुरस्कार श्री क्रिस्मार्टिन लाइजिन, सुश्री प्रज्ञा साहू, द्वितीय पुरस्कार श्री तनिश कीर तथा तृतीय पुरस्कार श्री विकास अहिरवाल व श्री समरिद्धि सोनी को दिया। पुरस्कार वितरण कर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने श्री क्रिसमार्टिन से चर्चा कर प्रथम आने पर शुभकामनाएं प्रेषित की इस दौरान श्री क्रिसमार्टिन ने कहा कि वह ईसाई परिवार से संबंध रखने के बावजूद भगवद् गीता अध्ययन करते हैं एवं उसका सम्मान करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम में श्री गणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परंपरा, समय का भारतीयकरण पुस्तकों का विमोचन किया।
सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्री श्रीराम तिवारी द्वारा स्वागत भाषण देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। श्री राजेश कुशवाह द्वारा कार्यक्रम का आभार माना गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी श्री अन्तंपूर्ण गिरी जी महाराज, पाम पूज्य भक्तिप्रेम स्वामी महाराज, स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज,श्री रामनाथ महाराज जी,विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता, एडीजीपी श्री उमेश जोगा, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, आदि उपस्थित थे।