पाठशाला

ब्लूम्स टेक्सोनोमी शिक्षा के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रोड़मैप देती है : डॉ. कल्पना सिंह

माधव कॉलेज में विद्यार्थी केंद्रित शिक्षण अधिगम प्रक्रिया विषयक व्याख्यान हुआ

उज्जैन। अगर हम छात्रों में रचनात्मकता का विकास करना चाहते हैं तो हमें ब्लूम टेक्सोनोमी का उपयोग करना होगा। इसके उपयोग से विद्यार्थियों को रचनात्मकता के उच्च स्तर तक ले जाया जा सकता है। विद्यार्थियों को शिक्षा से रचनात्मक स्तर तक पहुंचाने के लिए बहुत से औजारों की आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस माधव कॉलेज में इस हेतु मेधा कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे हैं।
यह उद्गार प्राचार्य डॉ कल्पना सिंह ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा हम छात्रों को कक्षा में कुछ नया देते हैं तो वे हमारी तरफ आकर्षित होंगे। अपनी योग्यता को प्रदर्शित के लिए विद्यार्थियों को अवसर प्रदान किये जाऐंगे।

विद्यार्थी आधारित शिक्षण अधिगम पर आयोजित कार्यक्रम में माधव विज्ञान महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ ब्रजेश पारे ने कहा कि ब्लूम्स टेक्सोनोमी एक अमेरिकी वैज्ञानिक ब्लूम्स के नाम से शिक्षा अधिगम वर्गीकरण है। हम छात्रों को कक्षा में इस तरह पढाएं कि उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिले। छात्रों के साथ संवाद करें। उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। पहले हम छात्रों को सरल प्रश्न की तरफ़ ले जाएं। फिर उससे कठिन, फिर और अधिक कठिन की तरफ़ ले जाएं। सीखने का सबसे उच्च स्तर छात्र को रचनात्मक बनाता है। जो छात्र उस स्तर तक पहुंच जाते हैं, वे अपनी योग्यता से नए विचार निर्मित करते हैं। ब्लूम्स टेक्सोनोमी को समझ कर और उसका उपयोग करके शिक्षक छात्रों की प्रतिभा को निखार सकते हैं। उन्हें विकास के पथ पर ले जा सकते हैं। डॉ पारे ने पावर पॉइंट के माध्यम से अपनी बात को प्रभावी ढंग से समझाया। उपस्थित शिक्षकों की जिज्ञासाओं का भी उन्होंने समाधान किया। चित्रकला विभागाध्यक्ष डॉ अल्पना उपाध्याय ने इस विषय पर चर्चा करते हुए शिक्षा अधिगम के नवाचारो का प्रभावी ढंग उल्लेख किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर मानव अधिकार से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ जफर महमूद ने किया। डॉ. राजश्री शेठ ने स्वागत वक्तव्य एवं अतिथि परिचय दिया। सरस्वती वंदना डॉ नलिनी तिलकर ने प्रस्तुत की। डॉ.एल एस गोरसिया ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ रवि मिश्रा, डॉ नीरज सारवान, डॉ सुरेश मकवाना, डॉ के एम शर्मा, डॉ दिनेश जोशी, डॉ बी एस अखण्ड, डॉ मंसूर खान, डॉ अंशु भारद्वाज, डॉ रफीक नागोरी, डॉ मृदुल शुक्ल, डॉ संगीता दुबे, डॉ ज्योति वैद सहित समस्त शिक्षक उपस्थित थे।

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