प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के विद्यार्थियों ने किया वेधशाला डोंगला का शैक्षणिक भ्रमण
उज्जैन। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय माधव महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने वेधशाला डोंगला का शैक्षणिक भ्रमण भूगोल, एन.सी.सी., राजनीति, अंग्रेजी विभाग एवं आई.क्यू.ए.सी. के संयोजन में मेजर डॉ. मोहन निमोले, डॉ. आयशा सिद्दीकी एवं डॉ. संगीत वत्स के नेतृत्व में किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. कल्पना वीरेंद्र सिंह ने शैक्षणिक भ्रमण दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादवजी के निर्देशानुसार महाविद्यालय के अध्ययनरत विद्यार्धियों को अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित संस्थाओं के भ्रमण के उद्देश्य से सम्मिलित किया ताकि विद्यार्थी अंतरिक्ष विज्ञान की सैद्धांतिक शिक्षा के साथ साथ व्यावहारिक शिक्षा भी प्राप्त कर सके। इसी क्रम में 10 दिसंबर को महाविद्यालय के विद्यार्धियों के एक दल ने वेधशाला डोंगला का भ्रमण किया।
वेधशाला में पहुंचने के उपरांत वाकणकर वेधशाला के प्रकल्पाधिकारी घनश्याम रत्नानी द्वारा वेधशाला में स्थापित यंत्रों भास्कर यंत्र, शंकु यंत्र, नाड़ी वलय यंत्र, भित्ति यंत्र तथा सम्राट आदि यंत्रों के उपयोग तथा उनके भारतीय ज्ञान परंपरा में महत्व को विस्तृत रूप में भ्रमण दल के साथ साझा किया। नीरज प्रजापत ने वेधशाला में स्थापित मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा संचालित मध्यप्रदेश के प्रथम आधुनिक टेलीस्कोप वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला के महत्व और टेलीस्कोप के उपयोगों के बारे में भ्रमण दल को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सरस्वती शिशु मंदिर डोंगला के प्राचार्य राजेंद्र यादव का भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
श्री कृष्ण सुदामा धाम नारायणा के मंदिर के दर्शन का भी भ्रमण दल को सौभाग्य प्राप्त हुआ। मंदिर के पुजारी आदित्य शर्मा द्वारा मंदिर के प्राचीन महत्व संबंधी तथ्यों को भ्रमण दल के साथ साझा किया गया। भ्रमण दल को विशेष सहयोग डॉ. रमण सोलंकी एम.पी. सी.एस.टी. के मनोज राठौर का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। दल को रवाना करते वक्त महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. जफर महमूद, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. रवि मिश्र उपस्थित रहे। इस अवसर पर मेजर डॉ. मोहन निमोले, डॉ. आयशा सिद्दीकी एवं डॉ. संगीत वत्स, भूगोल के शोधार्थी नारायण, मनीष रावत, मनु भिंडे, विवेक भारद्वाज सहित भूगोल, राजनीति, एन.सी.सी. एवं अंग्रेजी के 50 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित थे।