कला का कोना

उज्जैन के कलाकार मनीष राजे शिर्के को मिला इंडियन टेलिविज़न एकेडमी अवार्ड

बालमंच उज्जैन एक ऐसी संस्था रही है जहाँ से प्रशिक्षित बच्चे आज देशभर में आपनी प्रतिभा दिखा रहे

उज्जैन। उज्जैन के कलाकार मनीष राजे शिर्के को प्रतिष्ठित इंडियन टेलिविज़न एकेडमी अवार्ड से सम्मानित किया गया। मनीष राजे शिर्के को यह सम्मान 8 दिसंबर रविवार को मुंबई के आईटी अकेडमी में प्रदान किया गया।


बालमंच उज्जैन एक ऐसी संस्था रही है जहाँ से प्रशिक्षित बच्चे आज देशभर में आपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। उनमें से एक हैं मनीष राजे शिर्के। मनीष ने 1988 से 1992 तक प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक सतीश दवे के साथ मिलकर पांच वर्षों तक विभिन्न गांवों में नाटकों के जरिए जन जागरूकता अभियान चलाया। यहाँ से आपका चयन भोपाल की प्रसिद्ध रंग संस्था रंग-विदूषक की रेपर्टरी में हो गया। जहाँ इन्होने थिएटर में नये आयाम हासिल किये। मनीष का थिएटर में एक और महत्वपूर्ण अध्याय 1990े में भोपाल स्थित प्रसिद्ध रिपर्टरी “जहां उन्होंने प्रसिद्ध निर्देशक बंशी कौल के निर्देशन में छह साल तक एक पूर्णकालिक अभिनेता के रूप में काम किया। बंसी कौल के निर्देशन में मनीष ने थिएटर के कई क्लासिक और समकालीन नाटकों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। इसके बाद, मनीष ने 1993 से 1998 तक देश के विभिन्न हिस्सों में नाटकों का मंचन किया, जिनमें वेटिंग फॉर गोदो, सीढी़ दर सीढी़ उर्फ तुक्के पे तुक्का, नयन-नचैया, गधों का मेला जैसे चर्चित नाटक शामिल रहे। मनीष ने उज्जैन में अपने स्वयं के बैनर तले कई नाटकों का निर्देशन और प्रदर्शन किया, जिनमें से मुआवज़ा को विशेष रूप से सराहा गया। यह नाटक सामाजिक मुद्दों पर आधारित था और दर्शकों के बीच गहरी छाप छोड़ने में सफल रहा।
मनीष का नाम थिएटर और फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण हस्ती के रूप में जाना जाता है। उनका यात्रा सफर अत्यंत प्रेरणादायक और विविधतापूर्ण है। 1999 में मनीष ने मुंबई फिल्म उद्योग में कदम रखा और एक कला निर्देशक के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। 24 वर्षों के अपने अनुभव में मनीष ने कई फिल्मों और टेलीविजन शोज़ के लिए कला निर्देशन किया। उन्होंने एसोसिएट कला निर्देशक के रूप में शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी मेहनत और रचनात्मकता के बल पर प्रमुख कला निर्देशक के रूप में पहचान बनाई।
मनीष राजे शिर्के न केवल थिएटर और फिल्म उद्योग के क्षेत्र में बल्कि विज़ुअल डिज़ाइन और विज्ञापन उद्योग में भी माहिर हैं। उन्होंने छोटे विज्ञापनों से लेकर विषयगत ब्रोशर और विज़ुअल मर्चेंडाइजिंग तक के कामों को भी सफलता पूर्वक संभाला है। उनके पास ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझने और उनके लिए रचनात्मक विज्ञापन एवं प्रचार विचार प्रस्तुत करने का खास अनुभव है। वर्तमान में फिल्म उद्योग में आप एक प्रतिष्ठित कला निर्देशक और नट रंगभूमि थिएटर सोसाइटी मुंबई के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्था थिएटर के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समाज में कला के महत्व को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है।

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