21 से 23 मार्च तक विक्रम विश्वविद्यालय में होगा वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव
देश भर के विषय विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक फरवरी माह मार्च में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में जुटेंगे
उज्जैन। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं महाराजा विक्रमादित्य शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव 21 से 23 मार्च 2025 में विक्रम उत्सव के दौरान उज्जैन में आयोजित किया जाएगा।
इस संबंध में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी एवं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज की बैठक में विगत दिनों निर्णय लिया गया है। प्रदेश के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका तथा इस पर आधारित कार्य योजना तैयार करने हेतु देश भर के विषय विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक फरवरी माह मार्च में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में जुटेंगे। वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक विज्ञान और भारतीय प्राचीन विज्ञान परंपरा पर विभिन्न सत्रों में परिचर्चा की जाएगी तथा विज्ञान आधारित विकास का रोड मैप तैयार किया जाएगा।
साथ ही वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव के दौरान म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के फ्लैगशिप कार्यक्रम 40वीं एमपी यंग साइंटिस्ट कॉन्ग्रेस का आयोजन भी किया जाएगा। विश्वविद्यालय की ओर से एम पी यंग साइंटिस्ट कांग्रेस संयोजक डॉ निश्छल यादव को नियुक्त किया गया है।
इससे पूर्व वर्ष 1990 एवं 2005 में युवा वैज्ञानिक कॉन्ग्रेस की मेजबानी भी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा की जा चुकी है। वर्ष 2021 में कोविड प्रोटोकॉल के चलते हुए मैपकास्ट एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से ऑनलाइन मोड में इसका आयोजन किया गया था।
तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के 19 विषयों में 200 से अधिक शोध पत्र का वाचन प्रदेश के युवा शोधार्थियों द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही डीआरडीओ, एनपीसीआईएल, इसरो, मैपकास्ट जैसे संस्थानों की प्रदर्शनी भी विद्यार्थियों एवं आम जनता हेतु लगाई जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के लिए फेस टू फेस इंटरेक्शन, विभिन्न कार्यशालाएं, साइंस शो, साइंटिफिक मॉडल कांपटीशन का आयोजन किया जाएगा। प्रतिदिन शाम को टेलिस्कोप से नाइट स्काई वाचिंग की व्यवस्था भी रहेगी।
इस कार्यक्रम के दौरान पूरे प्रदेश से युवा शोधार्थी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करते हैं जिसका मूल्यांकन देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है तथा शोधार्थियों को सुझाव एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। युवा वैज्ञानिकों के शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कॉन्ग्रेस के चयनित शोधार्थियों को देश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में कार्य करने हेतु मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा 3 से 6 फेलोशिप प्रदान की जाती है एवं उत्कृष्ट शोध पत्रों को पुरस्कृत भी किया जाता है।
इस वर्ष 19 विषयों का चयन किया गया जिनमें – कृषि विज्ञान, एंथ्रोपोलॉजी एवं बिहेवियरल साइंस, केमिकल साइंसेज, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एंड इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, पृथ्वी एवं वायुमंडल विज्ञान, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, गृह विज्ञान, लाइफ साइंसेज, गणित विज्ञान, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, आयुष सहित चिकित्सा विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी एवं मॉलीक्युलर बायोलॉजी, फार्मास्युटिकल साइंसेज, भौतिक विज्ञान, प्लांट साइंसेज, वेटरनरी साइंस एवं एनीमल हसबेंडरी शामिल हैं।