पाठशाला
विक्रम विश्वविद्यालय में बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी के बाद अब सी.एस.बी.एस. कोर्स भी शुरू
टी.सी.एस. ग्लोबल हेड के. सुचेंद्रन 20 अगस्त को करेंगे विश्वविद्यालय का दौरा

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। हाल ही में शुरू हुए बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स की सफलता के बाद, विश्वविद्यालय अब सी.एस.बी.एस. (कंप्यूटर साइंस एंड बिजनेस सिस्टम्स) नामक एक और महत्वपूर्ण कोर्स शुरू करने जा रहा है।
इस नए कोर्स की शुरुआत के लिए विश्वविद्यालय टी.सी.एस. (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए, टी.सी.एस. ग्लोबल हेड (एकेडेमिक्स) के. सुचेंद्रन स्वयं 20 अगस्त को विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे। यह साझेदारी छात्रों को उद्योग की वास्तविक ज़रूरतों के अनुसार प्रशिक्षित करने में मदद करेगी।
कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने इस पहल पर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य छात्रों को सिर्फ़ किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें ऐसा ज्ञान देना है जो सीधे रोज़गार दिला सके। बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी के बाद, सी.एस.बी.एस. कोर्स इसी दिशा में हमारा दूसरा बड़ा कदम है। यह कोर्स सूचना प्रौद्योगिकी और व्यापार प्रबंधन के ज्ञान को एक साथ मिलाकर छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगा।“
भविष्य की ओर बढ़ता कदम
ये दोनों नए कोर्स, विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को दर्शाते हैं। जहां बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी का कोर्स मध्यप्रदेश को “डेयरी कैपिटल“ बनाने के सपने को साकार करेगा, वहीं सी.एस.बी.एस. कोर्स छात्रों को तकनीकी और व्यापारिक कौशल दोनों में पारंगत बनाकर उन्हें आधुनिक बाज़ार की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा।
विश्वविद्यालय की इस महत्वपूर्ण पहल में कार्यपरिषद सदस्यों का भी पूरा सहयोग मिला है। कार्यपरिषद के सदस्य रूपचंद पमनानी, राजेश सिंह कुशवाह, वरुण गुप्ता, डॉ. संजय वर्मा, मंजूषा मिमरोट, डॉ. कुसुमलता निंगवाल और रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने इस दूरदर्शी निर्णय का स्वागत किया और बताया यह न सिर्फ़ छात्रों के लिए बल्कि पूरे उज्जैन और आसपास के क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।