राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर उज्जैन में हुआ तीन दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ
हथकरघा, महिलाओं का सशक्तिकरण, राष्ट्र का सशक्तिकरण पर आधारित प्रदर्शनी 9 अगस्त तक चलेगी

उज्जैन। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय हथकरघा प्रदर्शनी का शुभारंभ उज्जैन में किया गया।
शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता कलावती यादव अध्यक्ष नगर पालिका निगम ने की। इस अवसर पर सी. सरस्वती मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड म.प्र. क्षेत्रीय कार्यालय, एस.सी. साहू महाप्रबंधक तथा सलिल जोकरकर उपमहाप्रबंधक नाबार्ड भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एलडीएम बलराम बैरागी, कविता चौहान, क्षेत्रीय प्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण बैंक, अमित मालवीय निदेशक आरसेटी सहित कई विभागीय अधिकारी, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य, कारीगर और हितधारक शामिल हुए। हथकरघा, महिलाओं का सशक्तिकरण, राष्ट्र का सशक्तिकरण थीम पर आधारित प्रदर्शनी में चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियाँ, विदिशा की कालीन व गलीचे, भैरवगढ़ की बाटिक, टाई एंड डाई उत्पाद, बैडशीट्स, बाघ प्रिंट, जूट बैग्स और हस्तनिर्मित राखियाँ सहित 13 स्टॉल लगाए गए हैं। कॉसमॉस मॉल में यह आयोजन 9 अगस्त तक चलेगा। इस अवसर पर मुख्य महा प्रबंधक नाबार्ड श्रीमती सरस्वती ने कहा कि “हथकरघा केवल वस्त्र नहीं, हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है, जो न केवल परिवार की आजीविका बल्कि परंपराओं के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नाबार्ड हथकरघा उत्पादों को बाजार से जोड़ने, डिज़ाइन विकास, प्रशिक्षण और उत्पादक समूहों के गठन में निरंतर सहयोग कर रहा है। नाबार्ड की प्रमुख पहल में माहेश्वरी साड़ी, बाघ प्रिंट, सिरोंज कालीन और बाटिक प्रिंट जैसी पारंपरिक शिल्प कलाओं का पुनर्जीवन, महिला कारीगरों को प्रशिक्षण और डिजिटल एवं भौतिक बाजार से जोड़ना, एफपीओ व स्वयं सहायता समूहों का गठन और प्रोत्साहन, हथकरघा स्टार्टअप्स और संवर्धन केंद्रों की स्थापना शामिल है। यह पहल स्थानीय रोजगार, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, तथा सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।