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भविष्यदर्शी राजनेता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव- डॉ. हरीशकुमार सिंह
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मूलमंत्र, होली हो या दीवाली हमारा हर दिन काम करने का संकल्प

उज्जैन। 25 मार्च 1965 को जन्मे डॉ. मोहन यादव का छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक का सफर आपकी दूरदृष्टि और पक्के ईरादों का प्रतिफल है। डॉ. मोहन यादव आरम्भ से ही भविष्य के लिए बड़ी योजनायें बनाने वाले, भविष्यदर्शी, विसनरी राजनेता रहे हैं और जब भी सोचते हैं बड़ा ही सोचते हैं। उच्च शिक्षित डॉ. मोहन यादव उज्जैन शहर की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत से भी बखूबी परिचित हैं।
डॉ. हरीशकुमार सिंह ने कहा कि जब उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बने तो सबसे पहले श्री गणेश चिंतामन मंदिर का भव्य द्वार बनवाया और उज्जैन शहर में प्रवेश के लिए चार विशाल आकर्षक द्वार बनवाये। सांवराखेडी का पुल बनवाकर सिंहस्थ और आवासीय क्षेत्र का विस्तार किया क्योंकि यह शहर की बढ़ती जनसंख्या जो नब्बे के दशक में चार करोड़ थी, आज आठ करोड़ के आसपास है के लिए यह बहुत जरुरी था। शहर को विक्रमोत्सव जैसा आयोजन दिया और यह भी प्रतिवर्ष विशाल जनुसमुदाय के मध्य आयोजित होता है। शहर में विक्रमादित्य शोध पीठ की स्थापना की और सम्राट विक्रमादित्य पर बने महानाटक का प्रदर्शन सुदूर दक्षिण हैदराबाद तक करवा दिया और आगामी अप्रैल में दिल्ली में लाल किले पर होने जा रहा है। कर्क रेखा जो पहले उज्जैन से गुजरती थी जब यह पता चला कि अब यह उत्तर की और बढ़ गयी है तथा अब महिदपुर के डोंगला ग्राम से गुजरती है तो डॉ. मोहन यादव ने डोंगला वेधशाला स्थापित कर उसे विज्ञान और धर्म का केंद्र बनाने की ठान ली और यह कार्य अभी जारी है।
डॉ. हरीशकुमार सिंह के अनुसार डॉ. मोहन यादव बड़ी सोच का बड़ा जादू वाले राजनेता हैं और मुख्यमंत्री बनते ही उनके प्रशासनिक निर्णयों ने उनकी इच्छाशक्ति को दर्शा दिया। विदेशों में किसी को सड़क से हटाने के लिए वाहनों के हॉर्न बजाने को सामने वाला अपनी बेइज्जती समझता है और अपने यहाँ ध्वनि प्रदूषण की कोई सीमा नहीं है ऐसे में सभी धार्मिक स्थलों से शोर करने वाले यंत्रों पर न्यायालय की मंशा के अनुरूप प्रतिबन्ध का निर्णय मुख्यमंत्री पद सँभालते ही लिया। आजादी के छियत्तर वर्षों के बाद भी नन्हे मुन्ने यदि खुले बोरवेल में गिर रहे हैं तो वैज्ञानिक युग में यह हमारी घोर असफलता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुले बोरवेलों पर संज्ञान लेते हुए सभी जिलों के कलेक्टर को इस पर ध्यान देने, और खुले बोरवेल चिह्नित कर उन्हें बंद करने को कहा। यह बताता है कि मुख्यमंत्री जी का ध्यान बड़ी – बड़ी बातों से लेकर छोटी छोटी मगर महत्वपूर्ण बातों पर भी है। उज्जैन में पिछले मार्च और अप्रैल 2024 के महीने सदैव याद किये जायेंगे जब शहर में 1 और 2 मार्च को रीजनल इंडस्ट्री कानक्लेव आयोजित की गई। दो दिवसीय इंडस्ट्री कानक्लेव में विदेशी उद्योगपति सहित देश के सैकड़ों उद्योगपति सम्मिलित हुए और उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश को करोड़ों के उद्योग की सौगात दे गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से आमने सामने की चर्चा कर, सपनों को हकीकत में बदलने के सफल प्रयास किये और सांस्कृतिक अभ्युदय से समृद्धि के पथ पर प्रदेश को आगे बढाते नजर आये।
प्रदेश के अलग अलग शहरों में इंडस्ट्री कानक्लेव कराना और पिछली फरवरी में अनन्त संभावनाओं की भूमि मध्यप्रदेश में ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश‘ की थीम पर, दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी से करवाना और सेक्टर आधारित सत्रों में राष्ट्र और बहुराष्ट्रीय निवेशकों से मिलना और उसके पहले निवेश के लिए जापान यात्रा कर, प्रदेश के लिए निवेश को लाना और पूरे प्रदेश के लिए उद्योग और रोजगार को हकीकत में बदलना उनका मूलमंत्र रहा है। इस निवेश महाकुम्भ में करीब इकतीस लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले और करीब इक्कीस लाख नये रोजगार की संभावना बनी और इसे जमीन पर उतारने के लिए इनकी निरन्तर मोनिटरिंग के लिए अधिकरियों को फॉलोअप करने को कहा। रिन्यूएबल एनेर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, माइनिंग, डिफेंस, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, टैक्सटाइल जैसे नए क्षेत्रों में निवेश सर्वथा नवीन सोच रही। ग्वालियर-भिंड से लेकर डिंडोरी तक पूरे प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मिले निवेश धरातल पर उतर रहे हैं। प्रदेश में करोड़ों की लागत की रोज नई परियोजनाओं का लोकार्पण हो रहा है।
मध्यप्रदेश में आगामी 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारम्भ होने जा रहा है जिससे प्रदेश में पचास हजार से अधिक खेत -तालाबों का निर्माण, वर्षा जल संचयन और एक लाख से अधिक जलदूतों की सहभागिता से जल सरंचनाओं का नवीनीकरण भी होने जा रहा है। अभी तक जो परियोजनाएं राज्यों के बीच पानी के विवाद को लेकर साकार नहीं हो पा रहीं थीं उन्हें भी अपने मुख्यमंत्री काल में डॉ. मोहन यादव ने अपने संकल्प से पूरा किया जिनमें पार्वती – कालीसिंध – चम्बल और केन बेतवा लिंक परियोजना प्रमुख रहीं। नारी, किसान, युवा और गरीब की उन्नति और उत्थान के लिए सरकार संकल्पित लग रही है जब सरकार ने किसानों से छब्बीस सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेंहूँ, दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर बोनस, दस से अधिक गाय पालने वालों को अनुदान और आगामी 2028 तक ढाई लाख पदों पर युवाओं को नौकरी देना सुनिश्चित किया है। उज्जैन में मेडिसिटी और आगामी सिंहस्थ के लिए दो हजार करोड़ बजट का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है और सरकारी अस्पतालों को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। आवागमन के लिए सडकों का विस्तार किया जा रहा है। धार्मिक पर्यटन के लिए अनेक योजनायें लाइ जा रहीं हैं और मध्यप्रदेश में जहाँ जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने लीलायें कीं उन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
डॉ. मोहन यादव पूरे प्रदेश के सर्वेसर्वा हैं और इसमें संदेह नहीं कि उनकी दूरदृष्टि और पक्का इरादा प्रदेश को विकास के नए मार्ग पर ले जाएगा। आपका मूलमंत्र है कि होली हो या दीवाली हमारा हर दिन काम करने का संकल्प है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जन्मदिन पर बधाईयाँ।