निरंकारी भक्तों ने लगाया 55 वृक्षों का समूह
निरंकारी मिशन का अभियान हरियाली संघ सेवा समर्पण की संभाव्य अभिव्यक्ति

उज्जैन। संत निरंकारी मिशन ने भारत को हरा भरा खूबसूरत वनों का देश बनाने हेतु चार वर्ष पूर्व शुरूआत की गई थी। जिसके अंतर्गत श्रृंखला वननेस वन अभियान के पांचवें चरण में देश के 600 से अधिक ब्रांच में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाकर वास्तविक देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसी क्रम में उज्जैन जिले में पौधे लगाए गए हैं।
मीडिया सहायक विनोद गज्जर ओर उज्जैन ब्रांच के मुख्य त्रिलोक बेलानी ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजापिता रमेश जी के पावन आशीर्वाद से संत निरंकारी चेरीटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित 191 परियोजना के पांचवें चरण के तहत देश भर के 600 से अधिक स्थलों के साथ ही उज्जैन में सैकड़ों भक्तों ने विक्रम विश्वविद्यालय के सुमन परिसर में जो बीते वर्ष पौधे रोपे थे उनके आसपास से बारिश के मौसम में उगी खरपतवार को हटा कर उन्हें संरक्षित किया। वही कुछ ओर नए पौधे नई जगह पर लगाए गए। यह अभियान अब ऐसे हरे भरे वृक्षों में परिवर्तित तो हो चुका है जो लघु वनों का स्वरूप ले चुके हैं इन वनों में प्रवासी पक्षियों की वापसी और जैव विविधता का पुनरुत्थान यह प्रमाणित करता है कि यह प्रयास केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं बल्कि प्रकृति की पुण्य जीवन का माध्यम भी बन चुका है। रोपे गए पौधों की देखभाल और संरक्षण का यह संकल्प स्वालंबी वनों में परिवर्तित करने की दिशा में एक ठोस कदम है जिसे आने वाली पीढ़ियां भी इस संजीव विरासत में लाभान्वित हो सकेगी।
वृक्ष मित्र उज्जैन संस्था अध्यक्ष अजय भातखंडे ने बताया कि अभी तक लगभग 55000 पौधों का रोपण सघन वन पद्धति से किया गया है हर रविवार 2 घंटे पर्यावरण के लिए निरंतर वृक्ष मित्र पौधों की देखभाल करते हैं। समय-समय खरपतवार हटाना, खाद देना, पानी देना और पौधे के वृक्ष बनने तक उसका संजोपन और संवर्धन का कार्य करते हैं। सेवा में गतिविधि में बड़ी संख्या में निरंकारी समाज के सेवादार उपस्थित रहे। जिन्होंने अपनी सेवाएं दी। पौधे लगाए और यह संकल्प लिया कि हर महीने के अंतिम रविवार को आकर पौधों की सेवा करेंगे। इस अवसर पर संस्था सचिव प्रवीण साठे, प्रवीण बहुलकर, खेमजी भाई चंदन, श्रीकांत जोशी, श्री मिलन, अजय तटवाड़े, गिरीश जैन, हेमंत जोशी, अशोक वर्मा, मुकुंद कोटवानी, अनार सिंह, भूमि क्षमता सहित साथ में सेवादल भाई बहनों पूरा सहयोग मुख्य रूप से मिला।



