दीपावली से पूर्व सद्भाव का दीप : आचार्य भगवंत की प्रेरणा से उज्जैन और भवानीमंडी में साधर्मिक भक्ति और धन्वंतरि पूजन
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 110 राशन किट, मिठाई नमकीन के पैकेट वितरित

90 साधर्मिक बहनों को साड़ियों का बहुमान
उज्जैन। आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय जगच्चंद्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावन एवं मंगलमयी प्रेरणा से, श्री सकल श्वेताम्बर जैन समाज उज्जैन और भवानीमंडी में इस दीपावली के आगमन से पूर्व अपूर्व साधर्मिक भक्ति और सेवा की सुगंध फैल गई है।
धर्म और सेवा की इस अनुमोदनीय यात्रा में, एक परम गुप्त लाभार्थी परिवार ने आगे बढ़कर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल प्रदान किया। गुरुदेव की आज्ञा को शिरोधार्य करते हुए उच्चकोटि की 110 राशन किटों का सस्नेह वितरण किया गया। यह मात्र राशन नहीं, बल्कि हर परिवार के लिए सम्मान और स्नेह का प्रसाद था, जिसने दीपावली की खुशियों को समय से पहले ही उनके आँगन तक पहुँचा दिया। परोपकार की इस अविरल धारा में प्रकाशचंद्र रितेश कुमार टुकराल वाले परिवार द्वारा भी 110 पैकेट उत्कृष्ट मिठाई एवं नमकीन भी वितरित किए, ताकि पर्व की मिठास और भी गहरी हो सके। इसके अतिरिक्त विमलचंद प्रकाशचंद्र मुथा परिवार ने भी अपने पुण्य का सहयोग दिया और 90 साधर्मिक बहनों को साड़ियों का बहुमान कर उनके प्रति अपना आदर व्यक्त किया। यह सारा सेवा कार्य जीवनदीप परिवार के समर्पित स्वयंसेवकों के माध्यम से अत्यंत श्रद्धाभाव के साथ संपन्न हुआ।
’धनतेरस पर आरोग्य के देवता का आह्वान’
सेवा के साथ-साथ, आस्था और आरोग्य की भावना को बल देते हुए 18 अक्टूबर धनतेरस के शुभ दिवस पर खाराकुआँ स्थित जीवनदीप फिजियोथेरेपी सेंटर में एक विशेष आयोजन हुआ। इस अवसर पर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि का विधि-विधान से पूजन किया गया और विश्व कल्याण हेतु जीवनदीप प्रार्थना की गई। यह प्रार्थना हर व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के दीप जलाने का संकल्प थी। इस पावन बेला में जीवनदीप के शुभचिंतकों, समस्त जीवनदीप परिवार और जीवनदीप महिला विंग की सक्रिय सदस्यों की उपस्थिति अत्यंत अनुमोदनीय रही। कार्यक्रम के अंत में, सेंटर के समस्त कर्मचारी स्टॉफ का उनके निःस्वार्थ सेवाभाव के लिए विशेष बहुमान किया गया। उन्हें मिठाई और नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। उपरोक्त जानकारी जीवनदीप के सक्रीय सदस्य असीम द्वारा दी गई।