टाटा ने 2 साल के काम में लगा दिए 7 साल, कर दिया उज्जैन को बदहाल
काम पूरा नहीं हुआ और कर दिया 75 प्रतिशत से अधिक का भुगतान, लोग गिर रहे, मर रहे पर किसी को परवाह नहीं

उज्जैन। विकास के नाम पर उज्जैन शहर को गड्ढ़ों, उबड़ खाबड़ सड़कों की सौगात देने वाली टाटा कंपनी ने 2 साल की अवधि में होने वाले कामों में 7 साल लगा दिये इसके बावजूद कई काम अधूरे पड़े हैं, उपर से भाजपा बोर्ड, अधिकारियों की मेहरबानी इतनी के 75 प्रतिशत से अधिक का भुगतान भी कर दिया। जनता की गाड़ी कमाई लगाने के बावजूद भी उज्जैन शहर आज थोड़ी सी बारिश में कीचड़ और फिसलन की पीड़ा भोग रहा है, कईयों के टाटा के गड्ढों में गिर जाने से हाथ पैर टूट गए तो कई मौत के आगोश में समा गए।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा उज्जैन शहर में टाटा द्वारा किसके निर्देशन में कार्य किया जा रहा है, यह भाजपा के किसी भी जनप्रतिनिधि, पार्टी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को नहीं मालूम। लेकिन यह काम लगातार 7 वर्षों से चल रहा है। टाटा प्रोजेक्ट पूरा करने की 2 वर्ष की अवधि थी, 2019 नवंबर माह में काम पूर्ण होना था। तय अवधि के बाद भी 5 वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है। इसपर हद यह है कि काम पूरा नहीं हुआ और भाजपा सरकार की मेहरबानी के टाटा को 351 करोड रुपए का भुगतान भी कर चुका है नगर निगम। टाटा के गुणवत्ताहीन कामों के कारण, आए दिन दुर्घटनाओं को लेकर, काम समय पर पूर्ण नहीं होने पर कई अनेक कारणों से आयुक्त नगर निगम, प्रमुख सचिव तक कई बार अल्टीमेट दे चुके पर किसी ने भी उसका ठेका निरस्त नहीं किया। टाटा को करोड़ों का भुगतान करने वाले नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर लोक दिखावे के लिए केवल नाममात्र की पेनल्टी वसूली। 50000 से अधिक घरों के कनेक्शन अभी तक नहीं हुए, पाईप लाईन का काम कब तक कैसे पूरा होगा, गुणवत्ताहीन काम उज्जैन शहर के लिए उपयोगी होगा या नई परेशानी खड़ी करेगा ये पता नहीं पर 75 प्रतिशत से अधिक भुगतान कर दिया गया। रवि राय ने कहा कई वार्डों में लोग टाटा की खुदाई से परेशान है, गड्ढे जो कर दिये वे यथावत हो गए, गाड़ियां आए दिन धस जाती है, लोग गिर रहे, सड़कों पर जान तक जाने का खतरा बना हुआ है पर टाटा कंपनी की जनता शिकायत करें तो कहां करें।