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स्वर्णिम भारत मंच ने किया गोपाल मंदिर पर रापट रोलिया
देशी टमाटर, मुल्तानी मिट्टी और फूलों के रंगों से होली खेली

मथुरा वृंदावन की तरह शहरवासियों ने खेली होली
उज्जैन। रंगपंचमी के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी स्वर्णिम भारत मंच द्वारा मालवी रापट रोलिया का आयोजन द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण के आंगन में किया गया। मथुरा वृंदावन की होली उज्जैन में खेली गई, रंग फुहार, गुलाल उड़ी, बच्चे, युवा, युवती जमकर थिरके, उज्जैन वासियों ने यहां गुलाल की होली खेली, कृष्ण भक्ति की।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि रापट रोलिया में देशी टमाटर, मुल्तानी मिट्टी और फूलों के रंगों से होली खेली। आयोजन में सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट गोपाल मंदिर परिवार का महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त हुआ। गोपाल मंदिर प्रशासक अजय धाकरे ने हर्ष जताया कि रंगपंचमी महोत्सव हम लोग स्वर्णिम भारत मंच के सहयोग से बड़ी धूम धाम से मनाते है। कार्यक्रम संयोजक जेकी ठाकुर ने बताया कि गोपाल मंदिर पर अनूठे रापट रोलिया में हजारों शहरवासी सम्मिलित हुए। स्वर्णिम भारत मंच के प्रयासों से एक दशक पूर्व रंगपंचमी को मालवी रापट रोलिया शुरू किया गया था। 10 वर्ष पूर्ण होने के बाद मेहनत अब साकार होने लगी। अब गोपाल मंदिर पर नगर गैर का समापन होने से और उत्साह बढ़ रहा है। शहर वासियों को मथुरा वृंदावन की तरह उज्जैन में भी होली खेलने का आनंद मिला। वृंदावन की तरह शहरवासियों ने होली खेली और स्वर्णिम भारत मंच के द्वारा नगर गैर का भी स्वागत किया गया।
दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुराने लोग बताते थे कि 40 साल पहले गोपाल मंदिर पर होली का भव्य आयोजन होता था लेकिन धीरे धीरे लोग पुराना शहर छोड़कर नए शहर में लोगों ने आयोजन शुरू कर दिए जिससे भगवान श्री कृष्ण का आंगन सुना हो गया था। रापट रोलिया से द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण का आंगन फिर से रंगों से सरोबोर होने लगा है।
सादगीपूर्ण रहा रापट रोलिया
दिनेश श्रीवास्तव के अनुसार गोपाल मंदिर के आंगन में सादगीपूर्ण रंगपंचमी मनाई गई। रमजान महीने में आया यह उत्सव थाना खाराकुआ तथा पुलिस प्रशासन के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। गोपाल मंदिर से स्वर्णिम भारत मंच ने गैर का स्वागत किया, महापौर ने भी सभी का आभार माना।