सीमांत गांधी के योगदान को देश कभी भुला नहीं पाएगा- डॉ. मालवीय
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान सीमांत गांधी की 37वीं पुण्यतिथि पर अपंग आश्रम में हुई विचार गोष्ठी

आश्रम वासीयो को दूध ब्रेड का वितरण किया
उज्जैन। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान सीमांत गांधी की 37वीं पुण्यतिथि पर सर सैयद अहमद वेलफेयर सोसाइटी द्वारा अपंग आश्रम में विचार गोष्ठी एवं आश्रम वासीयो को दूध ब्रेड का वितरण किया गया।
सोसाइटी के अध्यक्ष पंकज जायसवाल एवं संरक्षक सैयद अबीद अली मीर ने बताया कि विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. तेज कुमार मालवीय ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमांत गांधी बादशाह खान का पूरा जीवन देश के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्पित रहा। आपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ सभी स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया। आप देश की आजादी के लिए अनेक बार जेल गए। विशेष अतिथि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के अध्यक्ष अधिवक्ता समीर खान ने अपने उद्बोधन में कहा बादशाह खान ने देश की एकता और अखंडता के लिए अनेक प्रयास किए। आप देश के विभाजन के खिलाफ थे। समाजसेवी इरफान राइन ने बादशाह खान का स्मरण करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद के साथ देश के अग्रणी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों मे शामिल रहे। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में आपके योगदान से प्रभावित होकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आपको सीमांत गांधी का खिताब दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाजी इकबाल ने अपने उद्बोधन में कहा बादशाह खान जैसे नायक सदी में बिरले ही जन्म लेते है। आपका पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्पित रहा। आपके इसी योगदान के लिए आपको 1987 मे देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया। आश्रम वासीयो को दूध, ब्रेड का वितरण किया गया। कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध नागरिक बसंत राव काले, सामाजिक कार्यकर्ता रईस अहमद, विनीत सोल्पंखी, जाहिद नूर एडवोकेट नासिर मंसूरी, शाकिर शेख, शरीफ खान, आजम खान आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद इकबाल उस्मानी ने किया एवं आभार आश्रम के डायरेक्टर एडवोकेट रामचंद्र सौलपंखी ने माना। उपरोक्त जानकारी उप संयोजक सैयद उस्मान हसन एवं प्रचार सचिव चेतन ठक्कर ने दी।