साहित्यकारों ने अर्पित की श्री तोमर को श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि
चाहे सोने की प्रेम जड़वा दो उसे, आईना झूठ नहीं बोलता, पत्रकारिता में जिंदा रहेगा अभी हमारे बीच से गया ही नहीं

उज्जैन। नीलगंगा मार्ग स्थित राम-जानकी मंदिर, श्रीधाम आश्रम में शहर के नामचीन कवि साहित्यकारों ने विगत दिनों अचानक काल कल्वित हुए अक्षर विश्व के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्य संपादक श्री सुखराम सिंह जी तोमर को भाव भिनी पुष्पांजलि – श्रद्धांजलि अर्पित की।
संयोजक अनिल पांचाल सेवक ने बताया कि उपरोक्त श्रद्धांजलि सभा में सरल तरल स्वभाव के धनी निष्ठावान पत्रकार स्व श्री तोमर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर शहर के अनेक साहित्यकारों ने अपने विचार ओर साथ बिताए हुए पलों की स्मृतियों को व्यक्त करते हुए कहा कि यथा नाम तथा गुण को चरितार्थ करते हुए श्री तोमर ने अपने स्वभाव से स्वतंत्र पत्रकारिता एवं साहित्यिक क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित बनाई ओर असमय हम सभी को छोड़कर इस संसार सागर को विदा कर गए। उनका अंतरंग प्रेम ओर निष्पक्ष पत्रकारिता समाज में व साहित्य जगत में हर समय याद की जाएगी। पुष्पांजलि श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता प्रोफेसर शशांक दुबे ने करते हुए अपने श्री तोमर के साथ बिताए वर्षों पूर्व पलों पर प्रकाश डाला। अन्य सभी कलमकारों ने व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की। विचार क्रांति साहित्य मंच के अध्यक्ष, गीतकार सुगनचंद जैन ने विरले पत्रकार श्री तोमर को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। प्रोफेसर रवि नगाइच ने सुखराम सिंह तोमर द्वारा रचित ग़ज़ल का पाठ किया।
इसी प्रकार अन्य सभी ने भी अपनी स्मृतियों को साझा किया इस अवसर पर श्री सुखराम सिंह तोमर के पुत्र संजय सिंह तोमर क्षत्रिय महासभा के सदस्य अरविंद सिंह सेंगर तथा विचार क्रांति साहित्य मंच, युवा जागृति आजाद ग्रुप,सरल काव्यांजलि संस्था के साथ, वरिष्ठ गीतकार हेमंत श्रीमाल, कवि अशोक भाटी लघु कथाकार संतोष सुपेकर, समाजसेवी शेखर जैन, रमेश चंद्र शर्मा, साहित्यकार सत्यनारायण नाटाणी सत्येंद्र, अनिल रावलानी, राजेन्द्र जैन कनासिया, रेणुका गांधी, मनोहर रागीं, नीतीन पोल, सुरेन्द्र सिंह यादव, नारायण मंगवानी, सेजमल कछवाय, अमिताभ त्रिपाठी, युवा कवि कमल पटेल, हरदीप दायले के साथ अन्य स्नेही जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन प्रोफेसर अप्रतुल शुक्ल ने किया।
बिछड़ा कुछ इस तरह कि रुत ही बदल गई
एक शख़्स सारे मित्रों को उदास कर गया।