क्राइम-कंट्रोवर्सी
अंगारेश्वर, मंगलनाथ सहित 7 शासकीय मंदिरों में अवैध तरीके से पुजारी बनने के लिए आवेदन
सारिका गुरु कर रही शासन को गुमराह, फर्जी तरीके से शासकीय मंदिर पर बेटे ओर स्वयं की नियुक्ति के लिए किया आवेदन
उज्जैन। नगर में समाज सेविका का चोला ओढ़कर घूमने वाली सारिका गुरु और पति जयराज चौबे का एक ओर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ हैं। दोनों नगर के शासकीय मंदिरों में जाकर नित्य प्रतिदिन वहां के पुजारियों को परेशान करना, मानसिक प्रताड़ित करना, झूठी शिकायत करना और डराते धमकाते हैं।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सारिका गुरु और इसके पति जयराज चौबे ने नगर के कई मंदिरों जैसे अंगारेश्वर, मंगलनाथ, कामेश्वर महादेव, चंद्रादीत्येश्वर, त्रिविष्टपेश्वर, पिशाचमुक्तेश्वर, स्वप्नेश्वर में अवैध तरीके से पुजारी बनने के लिए आवेदन किए हैं। हाल ही में पता चला है कि सारिका गुरु और इसके पुत्र आंचल ने पिशाचमुक्तेश्वर महादेव पर अपनी वास्तविक पहचान छुपाकर फर्जी तरीके से शासकीय पुजारी बनने का आवेदन किया है क्योंकि सारिका गुरु ने अपने नाम के साथ पति का नाम छुपाकर अपने पिता का नाम लगाकर आवेदन किया है तो क्या वह तलाकशुदा हैं या विधवा? यह स्पष्ट नहीं है साथ ही अपने पुत्र आंचल के आवेदन में भी पिता का नाम जयराज गुरु लिखा है तो यह जयराज गुरु कौन हैं? यह तो अपने पति का नाम जयराज चौबे बताती हैं। महाकाल मंदिर में प्रतिष्ठित पुजारियों और पुरोहितों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली सारिका गुरु को महाकाल मंदिर में केवल पुजारी और पुरोहित दिखाई देते हैं वहां अखाड़े के विनीतगिरि जी के पास ओंकारेश्वर, नागचंद्रेश्वर के पुजारी ओर महाकाल की भस्म छानने का दायित्व हैं इसके लिए आज तक कभी कोई शिकायत नहीं की गई। इससे यह प्रतीत होता हैं सारिका गुरु और इसके पति जयराज चौबे ने सांठ गांठ की हुई है। यह भी ज्ञात हुआ है कि जयराज चौबे अनधिकृत रूप से महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित स्वप्नेश्वर महादेव मंदिर का 5000 शासकीय मानदेय भी प्राप्त कर रहा है। जबकि वह पुजारी नहीं हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।
महेश पुजारी ने कहा कि अखिल भारतीय पुजारी महासंघ शासन ओर प्रशासन से यह मांग करता हैं कि उपरोक्त विषयों को ध्यान में रखकर जयराज चौबे और सारिका गुरु के विरुद्ध जांच होनी चाहिए। जो खुद फर्जी तरीके से शासन को गुमराह करते हैं इन्हें ब्लैक लिस्ट कर, किसी भी मंदिर में पुजारी नहीं बनाया जाना चाहिए। जिससे किसी भी भक्त के साथ ठगी नहीं हो ओर आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं हो।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सारिका गुरु और इसके पति जयराज चौबे ने नगर के कई मंदिरों जैसे अंगारेश्वर, मंगलनाथ, कामेश्वर महादेव, चंद्रादीत्येश्वर, त्रिविष्टपेश्वर, पिशाचमुक्तेश्वर, स्वप्नेश्वर में अवैध तरीके से पुजारी बनने के लिए आवेदन किए हैं। हाल ही में पता चला है कि सारिका गुरु और इसके पुत्र आंचल ने पिशाचमुक्तेश्वर महादेव पर अपनी वास्तविक पहचान छुपाकर फर्जी तरीके से शासकीय पुजारी बनने का आवेदन किया है क्योंकि सारिका गुरु ने अपने नाम के साथ पति का नाम छुपाकर अपने पिता का नाम लगाकर आवेदन किया है तो क्या वह तलाकशुदा हैं या विधवा? यह स्पष्ट नहीं है साथ ही अपने पुत्र आंचल के आवेदन में भी पिता का नाम जयराज गुरु लिखा है तो यह जयराज गुरु कौन हैं? यह तो अपने पति का नाम जयराज चौबे बताती हैं। महाकाल मंदिर में प्रतिष्ठित पुजारियों और पुरोहितों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली सारिका गुरु को महाकाल मंदिर में केवल पुजारी और पुरोहित दिखाई देते हैं वहां अखाड़े के विनीतगिरि जी के पास ओंकारेश्वर, नागचंद्रेश्वर के पुजारी ओर महाकाल की भस्म छानने का दायित्व हैं इसके लिए आज तक कभी कोई शिकायत नहीं की गई। इससे यह प्रतीत होता हैं सारिका गुरु और इसके पति जयराज चौबे ने सांठ गांठ की हुई है। यह भी ज्ञात हुआ है कि जयराज चौबे अनधिकृत रूप से महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित स्वप्नेश्वर महादेव मंदिर का 5000 शासकीय मानदेय भी प्राप्त कर रहा है। जबकि वह पुजारी नहीं हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।
महेश पुजारी ने कहा कि अखिल भारतीय पुजारी महासंघ शासन ओर प्रशासन से यह मांग करता हैं कि उपरोक्त विषयों को ध्यान में रखकर जयराज चौबे और सारिका गुरु के विरुद्ध जांच होनी चाहिए। जो खुद फर्जी तरीके से शासन को गुमराह करते हैं इन्हें ब्लैक लिस्ट कर, किसी भी मंदिर में पुजारी नहीं बनाया जाना चाहिए। जिससे किसी भी भक्त के साथ ठगी नहीं हो ओर आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं हो।