सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
न हम घबरायें, न खुद को कमजोर समझें-सीएसपी शिंदे

उज्जैन। जब भी हम किसी कार्य को करते है तब समस्या आती है। हमें इनसे घबराना नहीं चाहिए, हमें अपने आपको कमजोर नहीं समझना चाहिए।
यह बात सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सीएसपी दीपिका शिंदे ने अपने उद्बोधन में कही। आपने भावी शिक्षकों के लिए कहा कि शिक्षक वह होता है जो किसी व्यक्ति के जीवन को रचता है, हमें ऐसे शिक्षक के रूप बनना चाहिए कि हमें सदियों तक याद रखा जाये। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सरस्वती शिशु मंदिर खरगोन की पूर्व विद्यार्थी एवं माधव नगर थाने में पदस्थ सी.एस.पी. दीपिका शिंदे ने दीप प्रज्जवलन कर किया। अध्यक्षता ग्राम भारती शिक्षा समिति की सह सचिव डॉली गिरी गोस्वामी ने की। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। अतिथियों का परिचय प्राचार्य डॉ. एकता इंगले ने दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉली गिरी गोस्वामी ने कहा कि यह समय संक्रमण काल का समय है जिसमें महिलाओं की विविध भूमिका रहती है। हमें अपने कर्तव्यों को पूर्ण करते हुए आत्मसम्मान की भी रक्षा करनी होती है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के अनेक उदाहरणों के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। आभार प्रदर्शन डॉ. उषा देवी कटियार ने किया। संचालन प्राध्यापक डॉ. पवित्रा शाह ने किया। इस अवसर पर प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षणार्थी तथा समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित थे।