सरकारी गौचर भूमि पर कर रहे खेती, पशु भूख से मर रहे
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर दड़िया के रहवासी पहुंचे कलेक्टर कार्यालय

उज्जैन। शासकीय गौचर भूमि पर कब्जे के विरोध में दड़िया के रहवासी मंगलवार को कोठी पहुंचे। रहवासियों ने आरोप लगाया कि शासकीय गौचर भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा खेती की जा रही है, यहां गेहूं की फसल बोने एवं गौचर भूमि पर अवैध अतिक्रमण के कारण गाय व अन्य पशुओं के चारे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यहां तक की पशुओ के भूखे मरने की नौबत आ गई है, कईयों ने दम तोड़ दिया है। रहवासियों ने मृत गायों के चित्र भी शिकायत के दौरान अधिकारियों को दिखाये।
दड़िया तहसील खाचरौद में सर्वे नंबर 194/2. 195/2, 200/2, 192, 193, 196/1, 200/1, 202, 210, 211 शासकीय चरनोई भूमि जिसका रकबा लगभग 25 बीघा 9 बीस्वा स्थित है। उक्त भूमि पर कब्जा कर निर्मला रानी दुबे, मधु शुक्ला, विनोद चौधरी एवं श्यामसुन्दर द्वारा गेहू की फसल बो दी है, चरनोई जमीन पर कब्जा करने के कारण गांव के पशुओ को चराने में काफी समस्या आ रही है तथा पशुओ व गायो को समुचित रूप से चारा व घास नही मिलने के कारण गाये भुखी मर रही है। कलेक्टर कार्यालय पहुंचे कैलाश चौधरी, गिरवर चौधरी, संजय चौधरी, पवन, लोकेश, नागेश्वर, गौरव, दीपक, राधेश्याम, राम सिंह, दिनेश, रोहित, रमेश, श्याम लाल, अजय, हीरालाल सहित गांव के पटेल एवं समस्त ग्रामीणों ने उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।
कैलाश चौधरी ने बताया कि उक्त विषय के संबंध में 4 मार्च 2025 को शिकायती आवेदन पत्र अनुविभागीय अधिकारी, खाचरौद के समक्ष जनसुनवाई में दिया लेकिन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्त आवेदन पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई, जिसके कारण दड़िया के निवासी 11 मार्च को उज्जैन कोठी पैलेस पर पहुंचे तथा उचित कार्यवाही कर गौचर भूमि को मुक्त करवाने की मांग की। साथ ही बताया कि अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद द्वारा कार्यवाही नही करने के कारण व पशुओ की भुखमरी से मृत्यु होने के कारण ग्रामीणो में काफी आक्रोश है। सभी ने ग्राम दड़िया तहसील खाचरौद स्थित शासकीय चरनोई भूमि से तत्काल कब्जा हटवाकर पशुओ के चरने के लिये भूमि उपलब्ध कराने की मांग की।