धर्म-अध्यात्म

सच्ची खुशी और आनंद केवल निरंकार प्रभु में समाहित

संत निरंकारी सत्संग भवन पर सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश सुनाया

उज्जैन। नववर्ष केवल एक नम्बर परिवर्तन है। वास्तविकता में यह केवल इंसानी मस्तिष्क की बनाई गई अवधारणा है। परमात्मा ने समय और सृष्टि को बनाया है, जिसमें अलग-अलग ग्रहों पर समय की अलग अवधारणा होती है इसलिए, नये वर्ष का अर्थ हर क्षण को सार्थक बनाना है। इस नये वर्ष में हमें अपने पुराने अनुभवों से सीख लेकर, अपने भीतर की कमियों को सुधारते हुए, अच्छाइयों को अपनाना चाहिए। मानवीय गुणों से युक्त जीवन ही सच्चा जीवन है।
पंवासा, मक्सी रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग में निरंकारी प्रचारक मनोहर लाल वाधवानी ने नये साल की शुभकामनाएं देकर सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश सुनाते हुए कहा कि सच्ची खुशी और आनंद केवल निरंकार प्रभु में समाहित है। इस नये वर्ष में हमें अपने जीवन को ऐसा बनाना है कि हम हर व्यक्ति तक इस सच्चाई को पहुंचा सकें। हमें अपने जीवन को इस तरह ढालना है कि हर पल, हर कार्य में प्रभु की महत्ता को समझ सकें। सेवा, सुमिरण और संगत का वास्तविक अर्थ तभी प्रकट होगा, जब हम इसे दिल से अपनाएंगे। केवल मित्रता या सामाजिक दबाव के कारण अपनी आध्यात्मिकता में परिवर्तन नहीं करना चाहिए। सच्चे मन और जागरूकता से ही हम अपने जीवन को परमात्मा से जोड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए, हर कार्य में निरंकार को समाहित करना जरूरी है। यही वह मार्ग है, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता और संतोष का विस्तार करता है। इस नये वर्ष में हमें अपने पुराने अनुभवों से सीख लेकर, अपने भीतर की कमियों को सुधारते हुए, अच्छाइयों को अपनाना चाहिए। मानवीय गुणों से युक्त जीवन ही सच्चा जीवन है। मीडिया सहायक विनोद गज्जर ने बताया कि संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक सांझा मंच है, इसलिए निरंकारी भवन पर होने वाले सत्संग कार्यक्रमों में कोई भी आ सकता है।

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