राजनीति
श्री महाकालेश्वर मंदिर में अवैध वसूली, प्रशासनिक लापरवाही, श्रध्दालुओं को हो रही असुविधा
विधायक महेश परमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांगा मिलने का समय कहा महाकाल की पवित्रता बनाए रखना हम सबका दायित्व
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अवैध वसूली, प्रशासनिक लापरवाही, श्रध्दालुओं को हो रही असुविधाओं के संबंध में विधायक महेश परमार ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा है।
विधायक महेश परमार ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि देश-दुनिया के सनातन धर्म संस्कृति की आस्था का केन्द्र श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन अव्यवस्था और ठगी, भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है। हाल ही में सामने आये प्रकरणो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर परिसर में एक संगठित गिरोह के रूप में ठगी का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। यह न केवल श्रध्दालुओं की भावनाओं के साथ विश्वासघात है, बल्कि मंदिर की पवित्रता और प्रतिष्ठा पर भी गहरा आघात है।
महेश परमार ने कहा कि प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर उत्तर प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों से आने वाले श्रध्दालुओं से हजारो रूपये की अवैध वसूली की जा रही थी। इस ठगी में मंदिर के कर्मचारी, पुरोहित और सुरक्षा गार्ड शामिल पाए गए। श्रध्दालुओं को झांसा देकर विशेष दर्शन और जल चढाने की सुविधा देने का वादा किया गया। सामान्य दर्शनार्थियों को 250 रूपये की रसीद के माध्यम से बिना लाईन दर्शन की सुविधा मिलती है। इसी व्यवस्था का दुरूपयोग कर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। ठगी के इस कृत्य में प्राप्त धनराशि, जो मंदिर समिति को जानी चाहिए थी, कर्मचारियों द्वारा हडप ली गई। शुरू में दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी और पुलिस द्वारा 6 अन्य लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद इस संगठित गिरोह का खुलासा हुआ है। आरोपियों के मोबाईल डेटा, वॉट्सऐप चैटिंग और यूपीआई ट्रांजेक्शन के आधार पर इस गिरोह में और भी नाम जुडने की संभावना है।
समस्या सभी के संज्ञान में, फिर भी दूर नहीं हुई
महेश परमार ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन की जानकारी के बावजूद यह ठगी लंबे समय से जारी थी। प्रशान की यह लापरवाही उज्जैन के महाकाल मंदिर की प्रतिष्ठा को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।
माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहाँ श्रध्दालुओं की संख्या कई गुना बढ गई है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त बनाने में गंभीर लापरवाही बरती गई है।
अवैध वसूली और ठगी पर रोकथाम हो
महेश परमार ने कहा कि अवैध वसूली और ठगी में लिप्त सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठौर कार्रवाई की जाए। मंदिर-जिला प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की जवाबदेही नए सिरे से तय की जाए। दर्शनो के लिए पारदर्शी और ऑनलाईन प्रणाली विकसित की जाए। प्रोटोकॉल दर्शन के नियमों को स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाए।
जॉच समिति का गठन हो
महेश परमार ने मांग की कि अवैधानिक गतिविधियों की निष्पक्ष जाँच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए। महाकाल लोक के निर्माण के दौरान हुए घोटालों की भी विस्तृत जांच की जाए।
श्रध्दालुओं की सुविधा और सुरक्षा
महेश परमार ने कहा मंदिर परिसर में श्रध्दालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाए। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढे, गतिविधियों की निगरानी हेतु आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाए। मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की जांच की जाए। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
महेश परमार ने मुख्यमंत्री से पत्र में कहा कि महाकाल मंदिर केवल उज्जैन का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत की आस्था का केंद्र है। इस पवित्र स्थल की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखना हमारा सामूहिक दायित्व है। इसलिए मैं अपने अनेक विस्तृत सुझाओं के साथ आपसे भेंट भी करना चाहता हूँ। कृपया समय प्रदान करें।
यदि इन गंभीर मुद्दो पर शीघ्र और ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो कांग्रेस पार्टी चरणबध्द आंदोलन करेगी। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक मंदिर की पवित्रता, श्रध्दालुओं की आस्था और उज्जैन की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित नहीं किया जाता।