श्रीकृष्ण रूक्मणी का हुआ विवाह, बृजोत्सवजी महाराजश्री को केसर स्नान कराया
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा रसपान महोत्सव, 108 भागवत पारायण की हुई पूर्णाहुति

उज्जैन। श्री वल्लभ वैष्णव मण्डल, महिला मण्डल एवं युवा मण्डल द्वारा संस्थापक संयोजक विट्ठल नागर के नेतृत्व में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा रसपान महोत्सव व 108 भागवत पारायण की पूर्णाहुति 13 जनवरी को हुई। कथा के समापन अवसर पर श्रीकृष्ण रूक्मणी का विवाह हुआ साथ ही केसर जल से सैकड़ों लोगों ने सोमयज्ञ सम्राट आचार्य श्री डॉ. गोस्वामी पू.पा. श्री बृजोत्सवजी महाराज श्री को केसर स्नान कराया।
मीडिया प्रभारी दीपक राजवानी ने बताया कि अनंत श्री विभूषित राजाधिराज ज.पी. पद्यश्री, पद्मभूषण सम्मानित गोस्वामी श्री गोकुलोत्सवजी महाराजश्री के लालजी (सुपुत्र) सोमयज्ञ सम्राट आचार्य श्री डॉ. गोस्वामी पू.पा. श्री बृजोत्सवजी महाराज श्री इन्दौर ने भागवत कथा में ठाकुरजी की बाल लीला का बहुत ही सुंदर वर्णन किया। कथा में नन्हें कृष्ण भगवान ने मटकी फोड़ी। आपश्री ने कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा कि बुराई का अंत निश्चित है। माता यशोदा जब कृष्ण को मथुरा में न जाने की जिद करने लगी तब श्रीकृष्ण ने समझाया कि मुझे मथुरा जाना ही होगा क्योंकि मेरा जन्म कंस वध के लिए और आसुरी शक्ति का नाश करने के लिए ही हुआ है। श्री ठाकुरजी द्वारा महाराज के प्रसंग का सुंदर वर्णन और रास के महत्व को समझाया। रास प्रेम का परिचय दिया। अंत में आरती कर सैकड़ो लोगों ने महाप्रसादी ग्रहण की। संस्थापक संयोजक विट्ठल नागर, श्री वल्लभ वैष्णव मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र शाह, कोषाध्यक्ष जयेश श्रॉफ, सचिव आनंद पुरोहित, श्री वल्लभ वैष्णव युवा मंडल अध्यक्ष विशाल नीमा, कोषाध्यक्ष अमर दिसावल, सचिव अमित नागर, श्री वल्लभ वैष्णव महिला मंडल समन्वयक राजश्री दिसावल, पारुल शाह, अध्यक्ष हेतल शाह, कोषाध्यक्ष वर्तिका नागर, सचिव नूपुर नीमा सहित समस्त आयोजन समिति ने सात दिवस तक कथा में सहयोग कर इस सफल बनाने वालों का आभार व्यक्त किया है।