शिप्रा में मिल रहे नालों पर साधु संतों का आक्रोश जायज
20 साल से भाजपा का शासन, गंदे नालों को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए करोड़ों का बजट निकला, पर पैसा कहां गया पता नहीं

उज्जैन। शिप्रा में मिल रहे नालों पर साधु संतों के आक्रोश को कांग्रेस ने जायज बताया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी, नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि 20 साल से भाजपा के शासन काल में करोड़ों रूपये शिप्रा में मिल रहे गंदे नालों को रोकने के नाम पर निकले, लेकिन किस नेता, अधिकारी की जेब में पैसा गया पता नहीं, क्योंकि आज तक शिप्रा में गंदे नाले मिलना बंद नहीं हुए।
मुकेश भाटी एवं रवि राय ने कहा कि भाजपा के शासन में करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी शहर के सारे गंदे नाले शिप्रा में मिल रहे हैं। नेताओं से प्रभावित ठेकेदार शहर की स्थिति को प्रभावित करने में लगे हैं। शिप्रा शुध्दिकरण के नाम पर, जलकुंभी के नाम पर, सफाई के नाम पर पास होने वाला बजट आखिर जा कहां रहा है। कांग्रेस ने सवाल किया कि शिप्रा की सुध लेने वाला व्यक्ति कौन उत्पन्न होगा, क्या शिप्रा के लिए किसी भागीरथ को तपस्या करना पड़ेगी। स्थानीय अखाड़ा परिषद ने कई आंदोलन किये, कांग्रेस ने शिप्रा के लिए कई धरने प्रदर्शन किये, कई बुध्दिजीवियों ने शिप्रा के लिए आंदोलन किये लेकिन इसका असर भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि पर नहीं पड़ता।
मुकेश भाटी, रवि राय के अनुसार उज्जैन शहर में लगातार श्रध्दालुओं का आगमन हो रहा है। लेकिन शिप्रा की स्थिति को देखकर कौन स्नान करना चाहेगा। कई श्रध्दालु प्रयागराज महाकुंभ से लौटकर शिप्रा स्नान के लिए आ रहे हैं लेकिन शिप्रा के जल का आचमन तो छोड़ो स्नान भी नही ंकर रहे। स्थानीय अखाड़ा परिषद द्वारा 21 फरवरी को शिप्रा में मिल रहे नालों को देखने के बाद भाजपा शासन के प्रति कड़ा आकोश जताया गया वहीं चेतावनी दी कि यदि शिप्रा शुध्द नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। साधु संतों को कांग्रेस पार्टी अपना समर्थन देती है। मुकेश भाटी, रवि राय ने कहा कि शनिश्चरी अमावस्या, महाशिवरात्रि सामने है। सिंहस्थ को मात्र ढाई वर्ष ही शेष बचे हैं, ऐसे में संपूर्ण शिप्रा को त्रिवेणी से लेकर अंगारेश्वर तक स्वच्छ करने हेतु युध्द स्तर पर अभियान चलाया जाए।