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आजादी के बाद से उज्जैन संभाग के सबसे कम आयु में सीनियर एडवोकेट बने उज्जैन के वीरेंद्र शर्मा

उज्जैन का गौरव मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सीनियर डेजिगनेट ऐडवोकेट बनाया

उज्जैन। उज्जैन के प्रसिद्ध और जाने माने वकील वीरेंद्र शर्मा एडवोकेट को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की फुल बेंच ने सीनियर एडवोकेट घोषित कर दिया है।
मध्य प्रदेश में करीब 1,25,000 रजिस्टर्ड वकील हैं। उज्जैन संभाग में लगभग 3000 से अधिक रजिस्टर्ड वकील हैं। ऐसे में आजादी के बाद से उज्जैन संभाग के सबसे कम आयु में सीनियर एडवोकेट बनने में उज्जैन के वीरेंद्र शर्मा प्रथम रहे जिनकी आयु 48 वर्ष है। आप क्रिमिनल मामलो के जानकार हैं। वर्ष 2001 से विधि व्यवसाय में कार्य कर रहें हैं। 50 से ज्यादा न्याय पुस्तकों में आपके न्याय दृष्टांत छप चुके हैं। इस दौरान आपने पुलिस ट्रेनिंग, कई लॉ कॉलेजों में विधि पर व्याख्यान दिए। आपने कई सांसद, विधायक, राजनेताओं के प्रकरण लड़े। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के भी आप अभिभाषक है और आपने बाबा महाकाल के मंदिर के प्रकरणों के लिए निःशुल्क सेवा के लिए सहमति दी है। नालसा में भी आप रजिस्टर्ड होकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की विधिक सहायता करते हैं। संभाग के कई चर्चित मामलों में आपने पैरवी की है।
सीनियर एडवोकेट की उपाधि क्या है
जिस प्रकार से शांति का नोबल पुरस्कार मिलता है, भारत रत्न मिलता है, इसी प्रकार से विधि व्यवसाय में श्रेष्ठ कार्य करने पर सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट की पदवी दी जाती है।
अब वीरेंद्र शर्मा को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, ट्रिब्यूनल, जिला अदालत कही भी वकील पत्र पेश करने की आवश्यकता नहीं है। वे सीधे ही किसी प्रकरण में बहस कर सकते हैं।
श्रेष्ठतम विधि सम्मान मिलने पर आपने बाबा महाकाल, माता पिता के आशीर्वाद एवं अपनी पत्नी को श्रेय दिया और कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधिपति एवं समस्त माननीय न्यायमूर्ति हाईकोर्ट के आशीर्वाद मिलने पर आभार जताया। इस दौरान उनके 82 वर्षीय पिता श्री जियालाल शर्मा, वह भी ऐडवोकेट हैं जब दोनो गले मिले तो खुशी की अश्रुधारा दोनो की फूटी।
रोचक प्रसंग
श्री शर्मा को एक मित्र ने सलाह दी की आप अपना पता इंदौर का डालो क्योंकि उज्जैन से होना मुश्किल है। तब श्री शर्मा ने उसे जवाब दिया था की उज्जैन के पते में बाबा महाकाल जुड़े हुए हैं। जब उज्जैन से राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव, मिस इंडिया सुश्री निकिता पोरवाल बन सकती है तो यदि माननीय उच्च न्यायालय को लगेगा की वह योग्य हैं तो जरूर बनाएंगे। इंटरेक्शन के दौरान जबलपुर में माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने पूछा की आप उज्जैन के साथ साथ इंदौर हाई कोर्ट में कब से नियमित हैं इस पर श्री शर्मा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि वर्ष 2001 से ही वे सतत हाई कोर्ट इंदौर में भी कार्य कर रहें हैं जिसकी पुष्टि प्रस्तुत प्रकरणों से हुई है। और वीरेंद्र शर्मा को इंदौर बेंच में सबसे ज़्यादा क्रिमिनल साइड में मार्क मिलें

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