पाठशाला

विद्यार्थियों ने लगाया हस्तशिल्प हाट, स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी

भारतीय संस्कृति का दर्पण है हस्तशिल्प की परंपरा और कला- कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह के अवसर पर विद्यार्थियों ने स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगा कर राष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट सप्ताह मनाया।
भारत में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने हेतु प्रति वर्ष 8 से 14 दिसंबर तक पूरे भारत में भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हस्तशिल्प के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ाना और इस पर उनका ध्यान केंद्रित करना है। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर हस्तशिल्प हाट, स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी, लगाई गई। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने बताया कि पूरे हफ़्ते चलने वाला यह उत्सव भारत के सभी कारीगरों के लिए एक ख़ास समय होता है और इस हफ़्ते आयोजित की जाने वाली प्रदर्शनियों में देश के लाखों समर्पित कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल होने का मौक़ा मिलता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय पिछले कुछ समय से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा हैं और विद्यार्थियों द्वारा लगाए जाने वाली ये प्रदर्शनी भारतीय हस्तशिल्प की परंपरा और संस्कृति को जीवित रखने में विशेष रूप से सहायक होगी। इस अवसर पर बायोटेक्नोलॉजी, फाइन आर्ट्स, फूड टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर आदि विभागों के विद्यार्थियों द्वारा, महाकाल के फूलों से बने उत्पाद, हर्बल चॉकलेट, हर्बल कॉस्मेटिक्स, वर्मिकंपोस्ट, इम्यूनो बूस्टर लड्डु, हैंड पेंटेड सारी, रुमाल, दुप्पटा, कुल्हड़ आदि प्रदर्शित किए गए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से इस प्रदर्शनी को देख कर उनका प्रोत्साहन करने की अपील की। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं विद्यार्थी संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा ने विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना कर उनका प्रोत्साहन किया।

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