पाठशाला

विद्यार्थियों की शोध के प्रति रुचि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता का मापदण्ड – कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज

विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में किया शोध पत्र का प्रकाशन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने अंडर ग्रेजुएट रिसर्च प्रोग्राम के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में शोध पत्र का प्रकाशन किया।
नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद से विक्रम विश्वविद्यालय ने शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। इस क्रम में विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की बी एससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी द्वितीय वर्ष की छात्राओं कुमारी आएशा शेखर एवं अनुष्का साहू ने डॉ शिवी भसीन के मार्गदर्शन में हर्बल मॉस्किटो स्प्रे का निर्माण किया एवं इसका शोधपत्र यूरोपियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस में प्रकाशित किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल सिंह एवं विद्यार्थियों की मार्गदर्शक डॉ. शिवी भसीन ने बताया कि विद्यार्थियों ने विभाग की लैबोरेटरी में इस स्प्रे का निर्माण किया हैं एवं इसमें हर्बल तत्वों का उपयोग किया हैं, इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों ने इस स्प्रे की प्रभावशीलता का आकलन भी किया हैं। इस अवसर पर छात्राओं को बधाई देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने बताया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों द्वारा शोध पत्रों का प्रकाशन किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय हैं कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अनुसंधान में रुचि दिखा रहे हैं जो विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगा एवं इससे दूसरे विद्यार्थी भी प्रोत्साहित होंगे। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा सहित प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने छात्राओं को बधाई दी।

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