विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राहगीरी पर ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन
नागरिकों और छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने राहगीरी कार्यक्रम के दौरान ड्रोन की कार्य प्रणाली और इसके अनुप्रयोगों पर एक विस्तृत प्रायोगिक प्रदर्शन आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य शहर के नागरिकों और युवाओं को अत्याधुनिक तकनीक से परिचित कराना और इसके महत्व को रेखांकित करना था।
विक्रम विश्वविद्यालय ने वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने और उज्जैन के छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी पाठ्यक्रमों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सहित कई पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इन पाठ्यक्रमों के तहत छात्रों को तकनीकी कौशल में निपुण बनाकर रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
राहगीरी के अवसर पर ड्रोन टेक्नोलॉजी का जीवंत और प्रायोगिक प्रदर्शन किया गया, जिसमें नागरिकों और छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ड्रोन लैब अहमदाबाद और मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में यह तकनीकी प्रदर्शन हुआ।
ड्रोन पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए डॉ. अंजलि उपाध्याय और डॉ. शिवी भसीन ने उपस्थित समुदाय को संबोधित किया उन्होंने बताया की ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग मुख्य रूप से कृषि, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण और निगरानी जैसे क्षेत्रों में हो रहा है। उपस्थित समुदाय को इन सभी उपयोग क्षेत्रों की जानकारी दी गई और यह समझाया गया कि कैसे यह तकनीक आने वाले समय में कई उद्योगों में क्रांति ला सकती है। इस अवसर पर ड्रोन लैब से जुड़े अमित लाल और धर्मेश ने ड्रोन की कार्य प्रणाली और उसके विभिन्न उपयोग क्षेत्रों को विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने अपने संबोधन में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग की उपयोगिता और इसके माध्यम से मिलने वाले रोजगार के अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर नगर निगम सभापति कलावती यादव और भाजपा शहर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने भी उपस्थित जनसमुदाय और विद्यार्थियों को संबोधित किया। कलावती यादव ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित यह आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय की तकनीकी उत्कृष्टता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस कार्यक्रम ने छात्रों और नागरिकों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया बल्कि भविष्य में इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज को शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कई शिक्षक और अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से जे. एस. तोमर, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. निश्चल यादव, डॉ. कमलेश दसोरा, डॉ. संदीप तिवारी, और डॉ. नलिन सिंह पवार आदि शामिल थे।
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