पाठशाला
विक्रम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान ने मनाया स्टार्ट-अप दिवस
“इनोवेट टू एलीवेटः एम्पावरिंग स्टार्ट-अप सक्सेस“ विषय पर कार्यशाला

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के उध्यमिता सेल द्वारा स्टार्ट-अप दिवस के अवसर पर “इनोवेट टू एलीवेटः एम्पावरिंग स्टार्ट-अप सक्सेस“ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उदघाटन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने स्टार्ट-अप संस्कृति को अपनाने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में स्टार्ट-अप्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, क्योंकि ये न केवल नवाचार को बढ़ावा देते हैं बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को यह सुझाव दिया कि इंटर्नशिप को सीखने का अनुभव मानें और अधिक से अधिक कौशल विकसित करें।
कार्यशाला के प्रारंभिक सत्र में कार्यशाला के समन्वयक एवं उध्यमिता सेल के समन्वयक डॉ. शेखर दिसावल ने कार्यशाला के उदेश्य को बताया एवं कहा की इसका मूल उदेश्य छात्रों, युवा उद्यमियों और शिक्षकों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वे अपनी विचारधाराओं और नवाचारी दृष्टिकोण को साझा कर सकें। इसके माध्यम से स्टार्ट-अप संस्कृति को प्रोत्साहन और मार्गदर्शन प्रदान करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
कार्यशाला के तकनिकी सत्र में में गूगल इंटरनेशनल के विशेषज्ञ सिद्धार्थ सोलंकी ने विषय विशेषज्ञ के रूप में अपने तकनिकी उदबोधन में प्रतिभागियों को इंटर्नशिप के अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने के व्यावहारिक टिप्स दिए। उन्होंने इस सत्र में केस स्टडीज के माध्यम से यह समझाया कि इंटर्नशिप केवल अनुभव प्राप्त करने का साधन नहीं है, बल्कि यह नेटवर्किंग, कौशल विकास और पेशेवर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का एक उत्कृष्ट अवसर है।
इंजीनियरिंग विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार सिंह ने अपने उदबोधन में कहा की इंटर्नशिप करियर का महत्वपूर्ण आधार बन सकती है, यदि इसे सही दृष्टिकोण और मेहनत के साथ किया जाए। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे इस अवसर को अपने कौशल और अनुभव को बढ़ाने के लिए उपयोग करें क्योकि यह भविष्य के लिए एक मजबूत आधार बन सकती है।
कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. कमल बुनकर ने कहा की स्टार्ट-अप एवं इंटर्नशिप में दौरान सहकर्मियों, मेंटर्स और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मजबूत नेटवर्क बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने उन्होंने प्रतिभागियों को इंटर्नशिप को नए दृष्टिकोण से देखने और अपने करियर को दिशा देने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में पंडित जवाहरलाल नेहरु व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो धर्मेन्द्र मेहता ने अपने संबोधन में कहा की इंटर्नशिप चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वह उनकी दीर्घकालिक करियर योजनाओं और रुचियों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों और प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी जाना चाहिए जो उद्योग की नवीनतम तकनीकों और ट्रेंड्स पर काम कर रही हों। कार्यशाला के अंत में संसथान की शिक्षक डॉ. भूपेंद्र पंड्या ने आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में कंप्यूटर विज्ञानं संस्थान एवं जवाहरलाल नेहरु व्यवसाय प्रबंध संस्थान के शिक्षको एवं छात्रों ने सहभागिता की।