पाठशाला

विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी दल ने “द यूथ सस्टेनेबल इंटरप्रेनरशिप समिट में प्राप्त किया प्रथम पुरस्कार

निरमाल्य का उत्पादों में प्रयोग करने से शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सहायता होगी तथा कार्बन फुट प्रिंट कम करने में भी मदद मिलेगी मिलेगी-कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी दल ने रेड क्रॉस सोसाइटी मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित “द यूथ सस्टेनेबल इंटरप्रेनरशिप समिट में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
मध्यप्रदेश रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा दिनांक 12 जनवरी 2025 को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस “स्वामी विवेकानंद जी“ की जयंती पर युवाओं के लिए “द यूथ सस्टेनेबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट“ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विक्रम विश्वविद्यालय के दल द्वारा भी अपना स्टार्ट-अप आइडिया प्रस्तुत किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों  युगांक सिंह, मृत्युंजय बडोले, मानसी सियाराम (प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला), अहाना चक्रवर्ती (फोरेंसिक विज्ञान, अध्ययनशाला) योजना राहंगिले (वनस्पति विज्ञान अध्ययनशाला) ने अपने स्टार्ट-अप प्लान निर्मल निर्माण की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति के लिए विक्रम विश्वविद्यालय के दल को श्री मंगू भाई पटेल, माननीय राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन द्वारा धन राशि 11,000 का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया।
विश्वविद्यालय के बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर प्रभारी प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह एवं विद्यार्थियों को मार्गदर्शक डॉक्टर शिवी भसीन ने बताया कि विद्यार्थियों द्वारा महाकाल मंदिर के फूलों के साथ बाइंडर का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद निर्मित किए गए हैं जो अलग-अलग प्रकार से उपयोग में लाए जा रहे हैं। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि महाकाल मंदिर के फूलों को आम जन तक पहुंचने का ये सशक्त मार्ग हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की अनोखी पहल से जो व्यक्ति महाकाल  मंदिर प्रांगण तक नहीं पहुंच पाते और दर्शन लाभ नहीं प्राप्त कर पाते उन तक ये फूलों से बने उत्पाद पहुंच पाएंगे तो वे भी किसी रूप में बाबा महाकाल का आशीर्वाद पा पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस माध्यम से विद्यार्थी आत्मनिर्भर भी बन पाएंगे और वे सामाजिक हित के कार्य से भी जुड़ पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि निर्मलता का उत्पादों में प्रयोग कर के शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सहायता होगी तथा कार्बन फुट प्रिंट  कम करने में भी मदद मिलेगी मिलेगी। इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं विद्यार्थी संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा सहित विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों, कर्मचारियों ने विद्यार्थियों को बधाई दी।

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