’लोकरंग फागुन के संग’ का रंगारंग समापन 20 मार्च को
10 दिवसीय निःशुल्क कार्यशाला में 60 से अधिक महिलाओं और बच्चों ने प्रशिक्षण लिया

उज्जैन। आकार सांस्कृतिक सामाजिक व शैक्षणिक संस्थान उज्जैन के तत्वावधान में 10 दिवसीय विभिन्न भाषाओं और बोली पर केंद्रित कार्यशाला ’लोकरंग फागुन के संग’ का रंगारंग समापन 20 मार्च गुरूवार को पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में शाम 5.30 बजे से किया जाएगा।
संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस निःशुल्क कार्यशाला में 60 से अधिक महिलाओं और बच्चों ने प्रशिक्षण लिया। जिसमें मालवी, राजस्थानी, पंजाबी, मराठी, बुंदेली, ब्रज व उत्तरांचल के लोक गीत व नृत्यों का समावेश किया गया है। जिनकी प्रस्तुति समापन अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति विक्रम विवि डॉ अर्पण भारद्वाज, निरंजन पांडा, श्रीपाद जोशी केंद्रीय अधिकारी संस्कार भारती, डॉ गोविंद गंधे निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी, प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ एस के सलूजा, मालवी कवियत्री माया नारायणी, प्रसिद्ध समाजसेवी जैनरत्न स्नेहलता सोगानी आदि रहेंगे। डॉ हरिहरेश्वर पोद्दार ने बताया कि विलुप्त होती लोक कलाओं के संरक्षण की दिशा में मध्य भारत की जानी मानी संस्था आकार सांस्कृतिक सामाजिक व शैक्षणिक संस्थान द्वारा किए गए इस प्रयास को अधिक से अधिक कलारासिक पधारकर अंत में ब्रज की लठ्ठमार और फूलों की होली का आनंद लें। कार्यक्रम का संचालन पंडित सुदर्शन अयाचित करेंगे। संस्था सदस्यों निहारिका पांचाल, माधुरी विश्वकर्मा, प्रियांशी नागर, राजेश लड्डा, मोक्षदा सक्सेना आदि ने कार्यक्रम को अधिक से अधि सफल बनाने का अनुरोध किया है।