लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित हुई प्रोफेसर सोनल सिंह
“लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन नई दिल्ली” ने प्रो. सोनल सिंह को प्रदान किया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुईं कला संकाय की संकायाध्यक्ष तथा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सोनल सिंह को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर सोनल सिंह ने अपने जीवनकाल में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसके लिए उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर सोनल सिंह ने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं जिनमें उनके शोधकार्य, शोध पत्र प्रकाशन, अनुवाद कार्य, पुस्तक प्रकाशन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का संयोजन, पुस्तकालय स्वचालन की वर्कशॉप का आयोजन, छत्तीस वर्षों का शैक्षणिक अनुभव, विभागाध्यक्ष का प्रशासकीय अनुभव, अध्ययनमंडल अध्यक्ष, शोध सलाहकार समिति अध्यक्ष, शोधोपाधि समिति अध्यक्ष, विक्रम विश्वविद्यालय की कोर्ट मेम्बर, अकेडमिक काउंसिल की स्थाई समिति की सदस्य, आदि अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। पुस्तकालय विज्ञान शिक्षण और पुस्तकालयों के विकास हेतु इनके समर्पण और उत्कृष्ट योगदान को पहचान कर “लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन, नई दिल्ली” के द्वारा उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
प्रोफेसर सोनल सिंह को ये सम्मान दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में प्रदान किया गया। इस अवसर पर महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, बिहार के कुलपति तथा उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. संजय श्रीवास्तव ने प्रो. सोनल सिंह का शॉल पहना कर स्वागत किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहीं गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने प्रो. सोनल सिंह को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया।
इस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होने का श्रेय प्रोफेसर सोनल सिंह अपने मात्र संस्थान विक्रम विश्वविद्यालय को देती हैं। इस अवसर पर प्रो. सोनल सिंह ने लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन, अपने परिवार, मित्रों, सहयोगियों, विक्रम विश्वविद्यालय अधिकारियों, शोधार्थियों और विद्द्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में प्रोफेसर सोनल सिंह ने अपने विदेश प्रवास के अंतर्गत विजिट की गई “सनीवेल पब्लिक लाइब्रेरी” पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत करते हुए विकसित भारत 2047 की सफलता हेतु भारतीय सार्वजनिक पुस्तकालयों में किये जाने वाले विकासात्मक परिवर्तनों हेतु उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किये। आपने एक तकनीकी सत्र की चेयरमैन के दायित्व का भी निर्वहन किया। इसके अतिरिक्त प्रो. सोनल सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन द्वारा आयोजित प्लेनरी सेशन की प्रमुख वक्ता के रूप में “रोल ऑफ लाइब्रेरीज अंडर एनईपी 2020 फॉर विकसित भारत 2047” पर अपना संबोधन दिया।
सादर प्रकाशनार्थ
देवेंद्र श्रीवास्तव
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फोटो संलग्न।