धर्म-अध्यात्म
रामेश्वर महादेव मंदिर में हुई सामूहिक कालसर्प दोष महापूजन
दूल्हा स्वरूप में सजा रामेश्वर महादेव का सेहरा, महाआरती हुई

4 घंटे चली कालसर्प दोष पूजा में प्रदेश, देश एवं विदेश से भी आए श्रध्दालु
उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका में शिवरात्रि महापर्व पर प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी शिप्रा किनारे स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर पर रामेश्वर महादेव एवं विराट हनुमान भक्त मंडल द्वारा पंडित डॉ विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ल के आचार्यत्त्व में भव्य सामूहिक कालसर्प दोष महा पूजन का आयोजन किया गया।
शिवरात्रि महापर्व पर सुबह से ही रामेश्वर महादेव मंदिर पर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। पंडित डॉ विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ल एवं ब्राह्मणों द्वारा रामेश्वर महादेव का पंचामृत अभिषेक कर पूजन किया गया। महाशिवरात्रि पर प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी पंडित डॉ विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ल के आश्चर्यत्त्व में सामूहिक कालसर्प दोष महापूजन का आयोजन किया गया। इस पूजन में प्रदेश सहित देश के बाहर से भी कई श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लिया। लगभग 4 घंटे चली कालसर्प दोष पूजा की पूर्णाहुति के बाद पंडित शुक्ला द्वारा सभी को आशीर्वाद स्वरुप रुद्राक्ष एवं यंत्र भेंट किए गए। देर शाम रामेश्वर महादेव को दूल्हा की तरह आकर्षक श्रंगार कर सेहरा पहनाया गया एवं महाआरती हुई।
आपको बता दे कि बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका में रामेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग पूरे विश्व में केवल एक ही ऐसा शिवलिंग है जो अपनी धरा पर चारों दिशाओं में घूमता है। प्राचीन मान्यता अनुसार भगवान राम ने इनकी स्थापना यहां पर की थी तभी से इनका नाम रामेश्वर महादेव हुआ है।
महाकाल की नगरी देवभूमि अवंतिका में कालसर्प दोष पूजा करने का अपना विशेष महत्व है। शिवरात्रि महापर्व पर की गई पूजा का फल भी तुरंत ही जातक को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में काल सर्प दोष होने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होता है। इसलिए कालसर्प दोष की पूजा पूरे विधि विधान के साथ होना बेहद जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष नामक योग का निर्माण होता है।
कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। पंडित डॉ विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ल द्वारा विगत कई वर्षों से कालसर्प दोष पूजा संपन्न कराई जा रही है। पूजा का प्रभाव का लाभ भी जातक को मिल रहा है। जिसके चलते देश सहित विदेश से भी श्रद्धालु पूजन करने के लिए आ रहे हैं। पंडित शुक्ला द्वारा वर्ष में दो बार महाशिवरात्रि पर्व एवं नाग पंचमी पर्व पर कालसर्प दोष पूजा कराई जा रही है।
पंडित डॉ विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ल ने बताया कि यहां कई वर्षों से कालसर्प दोष पूजा सहित अन्य पूजा विधान संपन्न कर रहे हैं। शिवरात्रि महापर्व पर कालसर्प दोष पूजा करने से बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ ही सभी तरह की मनोकामना भी पूर्ण होती हैं।