पाठशाला
युवाओ को उज्जैन के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया
भूकंप, आगजनी, बाड़, हृदय आघात एवं अन्य आपदा से बचाव की जानकारी दी
उज्जैन। नेहरू युवा केन्द्र उज्जैन द्वारा 5 से 9 जनवरी के मध्य चल रहे अंतरजिला युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के तृतीय दिवस का शुभारंभ योग अभ्यास से हुआ। प्रतिभागियों द्वारा योगा शुभ रूपांतरण सामाजिक संस्थान में जाकर राजीव पाहवा के निर्देशन में योगाभ्यास कियाl
तृतीय दिवस के तकनीकी सत्र की शुरुआत प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक, पूर्व कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की गरिमामयी उपस्थित में हुआ। प्रोफेसर पुराणिक ने युवाओ को उज्जैन के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया। आपने बताया कि उज्जैन अखंड भारत की प्राचीनतम नगरी है जिसका विवरण वेद, पुराण एवं लोक कथाओं में मिलता है। राजा विक्रमादित्य एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों से भी अवगत कराया। मंगलनाथ, शक्तिपीठ हरसिद्धि, काल भैरव, सांदीपनि आश्रम एवं कालगणना केंद्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। तत्पश्चात् डॉक्टर प्रदीप लाखरे जिला संगठक एन एस एस जिला उज्जैन द्वारा माय भारत पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे कार्यों जैसे स्वच्छता ही सेवा, एक्सपेरिएंशन लर्निंग प्रोग्राम की महत्ता एवं उपलब्धियों के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए व्यक्तित्व विकास में एन एस एस एवं ने यू के की भूमिका को बतलाया। भारतीय शिक्षण मण्डल की संरक्षक अरुणा सारस्वत ने विकसित भारत में युवाओं की भूमिका एवं युवाओं का व्यक्तित्व उनका आचरण किस प्रकार विकसित भारत में सहयोगी होगा, इस पर विस्तृत मार्गदर्शन किया। युवाओं की लक्ष्य प्राप्ति पर अपने संशय तथा जिज्ञासा को भी श्रीमती सारस्वत द्वारा शांत किया गया। महिला स्वयंसेवकों द्वारा आचरण, व्यवहार एवं अध्यात्म को लेकर कई विषयो पर मार्गदर्शन लिया। जिला होमगार्ड की ओर से आई टीम ने दिलीप बामनिया के नेतृत्व में भूकंप, आगजनी, बाड़, हृदय आघात एवं अन्य आपदा से बचाव की जानकारी दी गई। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जिला युवा अधिकारी ने इस प्रकार के यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम को सार्थक बताया एवं बताया कि ऐसे कार्यक्रमो से संस्कृति के साथ साथ विचारों एवं जीवन मूल्यों का भी आदान प्रदान होता है। कार्यक्रम में जितेन्द्र सेनी, दारा सिंह चौधरी, लोकेन्द्र सिंह तंवर, इंद्रप्रीत सिंह एवं संजय राज उपस्थित रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन दारा सिंह ने किया तथा आभार डॉ प्रदीप लाखरे ने माना।