पाठशाला
मन मस्तिष्क को ताजगी एवं प्रफुल्लता देता है योग और ध्यान, चैतन्य को जागृत करने के लिए यह अनिवार्य- कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज
जन हृदय युवा अभियान के अंतर्गत वैश्विक संस्थान हार्टफुलनेस की उज्जैन इकाई द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय में योग एवं ध्यान शिविर का आयोजन

उज्जैन। ” जन हृदय युवा अभियान” के अंतर्गत वैश्विक संस्थान हार्टफुलनेस की उज्जैन इकाई द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों एवं अध्ययनशालाओं में प्राचीन योग एवं ध्यान पद्धति का अभ्यास शिविर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के विद्योतमा छात्रावास में तीन दिवसीय ध्यान प्रशिक्षण शिविर से हुआ। प्रारंभ में योगाभ्यास एवं तत्पश्चात ध्यान का अभ्यास गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस संस्था के बीच हुए एम ओ यू के अंतर्गत किया जा रहे हैं। कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने बताया कि वर्तमान समय में हमारे विद्यार्थी चिंता, निराशा, अवसाद तथा तनाव ग्रस्त वातावरण से निजात पाकर ईश्वरीय प्रेम, आनंद व आरोग्य का लाभ लेकर अपने शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास में उन्नति करे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में योग एवं ध्यान का अत्याधिक महत्व है, यह मन मस्तिष्क को प्रफुलित रखने एवं चैतन्य को जागृत करने का मार्ग है जो विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। कुलगुरु ने आश्वस्त कराया कि विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को योग एवं ध्यान का उचित मार्गदर्शन अवश्य मिलेगा। उल्लेखनीय है कि उक्त अभ्यास का प्रशिक्षण संस्था की प्रशिक्षक बहनें डॉ अंशु भारद्वाज, डॉ उमा परमार, डॉ स्मिता भवालकर, डॉ संगीता पाटकर एवं डॉ नीना आर्य, ज्योति सचान द्वारा दिया गया।