धर्म-अध्यात्म

भगवान प्रेम के भूखे, दुर्योधन का 56 भोग पकवान छोड़ा, विदूर के कैले के छिलके खाये

भगवान की भक्ति सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान करती है- डॉ. ब्रजोत्सव महाराज

उज्जैन। भगवान कृपा करने के लिए मनुष्य की योग्यता नहीं देखते हैं। उसके भाव व भक्ति का दर्शन करते हैं। योग्यता देखना संसार का काम है, योग्य बनाना भगवान का काम है। भगवान पतीत को भी पावन बनाते हैं। भगवत भगवान की भक्ति आनंद भी प्रदान करती है और मोक्ष भी प्रदान करती हैं। इसलिए सुखदेवजी के रूप में भगवान ने अवतार लिया। परिक्षित को भगवत रूपी अमृत पिलाया।
यह बात भव्य सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा रसपान महोत्सव व 108 भागवत पारायण में अनंत श्री विभूषित राजाधिराज ज.पी. पद्यश्री, पद्मभूषण सम्मानित गोस्वामी श्री गोकुलोत्सवजी महाराजश्री के लालजी (सुपुत्र) सोमयज्ञ सम्राट आचार्य श्री डॉ. गोस्वामी पू.पा. श्री बृजोत्सवजी महाराज श्री इन्दौर ने कहीं। मीडिया प्रभारी दीपक राजवानी के अनुसार 9 जनवरी को कथा में बावन अवतार हुआ। आपश्री ने कथा का वाचन करते हुए समझाया कि भगवान प्रेम के भूख है दुर्योधन का 56 भोग पकवान छोड़ा, विदूर के कैले के छिलके खाये। माता देवयुती और कपिल देवजी के संवाद के साथ भक्तिका सार समझाया। महाकाल परिसर, हीरा मिल रोड़ पर चल रही कथा में संस्थापक संयोजक विट्ठल नागर, श्री वल्लभ वैष्णव मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र शाह, कोषाध्यक्ष जयेश श्रॉफ, सचिव आनंद पुरोहित, श्री वल्लभ वैष्णव युवा मंडल अध्यक्ष विशाल नीमा, कोषाध्यक्ष अमर दिसावल, सचिव अमित नागर, श्री वल्लभ वैष्णव महिला मंडल समन्वयक राजश्री दिसावल, पारुल शाह, अध्यक्ष हेतल शाह, कोषाध्यक्ष वर्तिका नागर, सचिव नूपुर नीमा, कार्यक्रम संयोजक शैलेन्द्र राठी, हरिसिंह यादव, पवन गोयल, सुभाष सोनी, मनोज खण्डेलवाल, मनीष नागर, कार्यक्रम सह संयोजक रविन्द्र मूले, नितिन नीमा, नितेश नागर, संगीता नागर, मीना पुरोहित, दर्शना शाह, रिता शाह, प्रीति शाह, कविता झालानी, श्रद्धा शर्मा, रमणलाल सोमालाल चंदनवेन शाह परिवार, सचिन-दर्शना शाह, सौरभ अंजलि माहेश्वरी, अशोक सरोज माहेश्वरी, महेन्द्र – वीणा शाह, विनोद-गीता शाह, चिराग-कृतिका शाह, राजेन्द्र-पारुल शाह, वैभव शाह, प्रेरक-प्रिया शाह, चिंतन शाह, हर्षेश भाई-जागृति शाह, रमेशचन्द्र-हेमलता शाह सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। सभी ने 7 जनवरी से 13 जनवरी तक महाकाल परिसर हीरामिल रोड पर प्रतिदिन दोप. 2 बजे से हो रही कथा में भक्तों से धर्मलाभ लेने का अनुरोध किया है।

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