बौद्धिक संपदा संरक्षण के प्रति जागरूकता आवश्यक
माधव कॉलेज में बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला सम्पन्न

उज्जैन। व्यक्ति जो सम्पत्ति या संपत्तियां अपने ज्ञान से अर्जित करता है, उन्हें बौद्धिक संपदा कहते हैं। उस संपदा पर उस व्यक्ति का अधिकार होता है। बौद्धिक संपदा अधिकार को क़ानूनी संरक्षण प्राप्त होता है। बौद्धिक संपदा अधिकार से रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। बौद्धिक संपदा संरक्षण के प्रति जागरूकता आवश्यक।
उक्त विचार माधव महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने व्यक्त किये। आईआईटी इंदौर की प्राध्यापक डॉ अन्यया घोषाल ने कहा कि जेके रॉलिंग की विश्व प्रसिद्ध कहानी हैरी पॉटर के फिल्म निर्माण एवं उससे संबंधित अन्य उत्पादों का कॉपीराइट एवं पेटेंट बौद्धिक संपदा के संरक्षण का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जा सकता है। कार्यशाला में उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान के प्राध्यापक डॉ महेन्द्र सिंघाई, माता जीजा बाई कन्या महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सुनील गोयल, झाबुआ की पूर्व प्राचार्य डॉ गीता दुबे, शा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ विजय कुमार सुखवानी ने बौद्धिक संपदा अधिकार पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ शैलेन्द्र भारल थे। अध्यक्षता प्राचार्य प्रो कल्पना वीरेंद्र सिंह ने की। स्वागत वक्तव्य कार्यशाला समन्वयक डॉ मंसूर खान ने दिया। संचालन डॉ जफर महमूद ने किया। आभार कार्यक्रम संयोजक डॉ संगीता दुबे ने व्यक्त किया।