धर्म-अध्यात्म
बाल ब्रह्मचारी ज्ञान धारा दीदी नहीं रही
महावीर मंदिर चिमनगंज मंडी पर वैराग्य सभा एवं वैराग्य प्रार्थना 1 मार्च को

उज्जैन। दिगंबर जैन समाज की धर्मिष्ठ बाल ब्रह्मचारी ज्ञान धारा दीदी का अचानक अल्प आयु में देहावसान हो गया। ब्रह्मचारी ज्ञान धारा दीदी जैन धर्म के प्रकाण्ड विद्वान विमल चंद्र झांझरी की बड़ी पुत्री थी।
ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि पुज्य गुरुदेव कांजी स्वामी की अनन्य भक्त रही ज्ञानधारा दीदी ने बाल्यकाल से ही सोनगढ़ रह कर धर्म अध्ययन किया ओर धर्म संस्कार के कारण अल्प वय में ही जीवन को धर्माचरण में लग कर विवाह ना करने का फैसला लिया था ओर 1990 में जैन धर्म के बड़े शिविर में आजीवन ब्रह्मचार्य महावर्त्त धारण कर लिया था।
श्री सीमंधर जैन मंदिर पर आप महिलाओ ओर बच्चो की धार्मिक पाठशाला का संचालन करती थी। मृत्यु के पूर्व प्रातः जिनेन्द्र पूजन की भगवान का कल्याणक मनाया, प्रवचन सुने। अचानक घर पर ही कुछ घबराहट हुई ओर वे चल बसी। जैन धर्म के अनुसार 1 घंटे में उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। चक्रतीर्थ पर बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे। 1 मार्च को प्रातः 9 बजे महावीर मंदिर चिमनगंज मंडी पर वैराग्य सभा एवं वैराग्य प्रार्थना रखी गई है।