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बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया शहीद हेमू कालानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण

शहीद हेमू कॉलोनी ने मात्र 19 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

उज्जैन। अमर शहीद हेमू कॉलोनी विचार मंच एवं सिंधु जागृत समाज, सिंधु महिला विंग द्वारा 21 जनवरी को शहीद हेमू कालानी का बलिदान दिवस मनाया गया। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए तथा हेमू कॉलोनी उद्यान संतराम सिंधी कॉलोनी में अमर शहीद हेमू कालानीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रध्दा सुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि अमर शहीद हेमू कॉलोनी ने मात्र 19 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। हेमू कालाणी सहित अन्य क्रांतिकारियों के अथक प्रयासों से एक हजार साल के लगभग का गुलामी का काल खत्म हुआ। इस शुभ अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव, झोन अध्यक्ष सुरेंद्र मेहर, पार्षद कैलाश प्रजापत, मंडल अध्यक्ष गजेंद्र खत्री, महामंत्री जितेंद्र कृपलानी, पार्षद दिव्या बलवानी, वरिष्ठ नेता रूप पमनानी, कार्यक्रम संयोजक सुनील नवलानी, संरक्षक अरुण रोचवाणी, दीपक बेलानी, रमेश गजरानी, प्रताप रोहरा, महेश गंगवानी, रमेश समदानी, राजकुमार परसवानी, रमेश राजपाल, सुनील मखीजा, किशोर बजाज, मांगू गंगवानी, रवि गंगवानी, गोपाल बलवानी, मोहन वासवानी, विक्रम वाटिका परिवार के पंकज प्रताप सिंह, सुशीला परमार ,सुनील रावलानी, रवि गुप्ता, अशोक राठौर, संजय लालवानी, अशोक राजवानी, तुलसी राजवानी, रमेश राजपाल, श्रीकांत माखीजानी, पुष्पा कोटवानी, स्वाति गजरानी, हर्षा नानवानी, नीलम माखीजानी, मोसमी रोचवानी, भारती सनमुखानी, रजनी राजदेव, संतोष खोईवाल, संतोष यादव, दुलीचंद प्रजापत, राजेश असवानी, राजेंद्र झालानी, किशोर खंडेलवाल, राकेश बजाज आदि मौजूद रहे। सभी ने देश भक्ति गीतों के साथ माल्यार्पण किया।
भारत माता के वीर सपूत हेमू कालाणी एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सिंध के सुक्कुर में जन्मे हेमू कालाणी ने बहुत कम उम्र में ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने बचपन से ही विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आग्रह लोगों से किया। वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। हेमू कालाणी और उनके साथियों ने अंग्रेजी सेना के खिलाफ कई साहसिक कार्य किए। उन्होंने हथियारों से भरी रेलगाड़ी को पटरी से उतारने की योजना बनाई। इस पर अंग्रेजी सरकार ने हेमू कालाणी को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि हर शताब्दी में भारत माता की गोद में विदेशी आक्रंताओं से लड़ने वाले वीर शहीदों ने जन्म लेकर भारतीय संस्कृति की रक्षा कर जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी को चरितार्थ किया है। अंग्रेजी आक्रंताओं ने 64 ट्रीलियन डॉलर से अधिक धन भारत से लूटा। हमारे अमर शहीदों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर अंग्रेजों को देश से भगाकर इस लूट को रोका था। पृथ्वीराज चौहान (1192) से 1947 तक हमारे देश का इतिहास निरंतर वीर शहीदों और शूरवीरों से सुसज्जित रहा है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गोंड साम्राज्य, बाजीराव पेशवा, सिंधिया साम्राज्य, होलकर साम्राज्य सहित अन्य साम्राज्यों ने विदेशी आक्रंताओं से निरंतर लड़ाई लड़ी। मुगल व अन्य विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारे मंदिरों व संस्कृति पर निरंतर आक्रमण किए। हमने अपने बाहुबल से इन घटनाओं का समयोचित तरीके से उत्तर सनातन संस्कृति तथा श्री चिंतामण गणेश, बड़ा गणपति महाराज, श्री कालभैरव, श्री मंगलनाथ महाराज, श्री सिद्धनाथ महाराज देवस्थानों को पुर्नस्थापित कर दिया।

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