पूर्वोत्तर राज्य के कलाकारों ने असम का मुकुट श्री महाकाल की सवारी के लिए बनाया
स्वामी मुस्कुराके को आकर्षक मुकुट के माध्यम से सम्मानित किया

उज्जैन। कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा पूर्वोत्तर राज्य की असम की पारंपरिक शैली में मुखौटा एवं मुकुट बनाने की कार्यशाला का आयोजन कालिदास अकादमी में किया गया।
कला शिविर में असम के वरिष्ठ कलाकार मुखौटा एवं मुकुट बनाने की विशिष्ट शैली में सिद्ध हस्त पद्मश्री हेमेंद्र गोस्वामी ने पूर्वोत्तर शैली की आकर्षक मुखोटे एवं मुकुट बनाने की कार्यशाला में मालवा क्षेत्र के कई कलाकारों को प्रशिक्षण दिया। जब हेमेंद्र गोस्वामी को महाकाल की सवारी में विगत 38 वर्षों से विभिन्न राजसी वेषभूषा में भारतीय संस्कृति का परिचय करवाने वाले स्वामी मुस्कुराके ,शैलेंद्र व्यास के बारे में जानकारी हुई तब उन्होंने श्री महाकालेश्वर की सवारी हेतु असम शैली का मुकुट बनाया। समापन अवसर पर सभापति कलावती यादव, निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी गोविंद गंधे, पद्मश्री खगेन गोस्वामी, कला शिविर प्रभारी डॉ. संदीप नागर ने स्वामी मुस्कुराके को आकर्षक मुकुट के माध्यम से सम्मानित किया।