पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में हुआ “डिजिटल फ्रॉड एवं साइबर क्राइम“ पर सेमिनार
सेमिनार पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनी, स्टाफ और विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों के लिए आयोजित किया गया

उज्जैन। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “डिजिटल फ्रॉड एवं साइबर क्राइम“ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनी, स्टाफ और विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की पुलिस अधीक्षक अंजना तिवारी एवं कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. कमल बुनकर को इस महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार आयोजित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज जब हम सभी साइबर वर्ल्ड का हिस्सा बन चुके हैं, तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम एक सजग और जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपना योगदान दें। सजग भारत, सुरक्षित भारत और विकसित भारत के सपने को साकार करने में हमारी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।“ पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, उज्जैन की पुलिस-अधीक्षक अंजना तिवारी ने कहा, “हमारे साथ साइबर वॉरियर के रूप में पुलिस ट्रेनी और स्टाफ भी उपस्थित हैं, जो बड़ी सजगता से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। लेकिन तकनीकी उन्नति के इस युग में, सभी साइबर वॉरियर्स को अपने ज्ञान को अद्यतन रखना आवश्यक है। यह कार्यक्रम एक ऐसा अवसर है जो आपके कौशल और समझ को बढ़ाएगा तथा साइबर सुरक्षा अभियान को मजबूती प्रदान करेगा।“
सेमिनार के तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के आचार्य एवं संकाय अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार सिंह ने साइबर क्राइम की जटिलताओं एवं वर्तमान में तेजी से बड रही डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं से निपटने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज साइबर क्राइम केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद, मानव तस्करी और ड्रग्स की तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधों को भी बढ़ावा दे रहा है। इस अदृश्य दुश्मन से लड़ने के लिए तकनीक, जागरूकता और सही रणनीति की आवश्यकता है।“ उन्होंने डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों के आंकड़े साझा करते हुए बताया 2019 में डिजिटल फ्रॉड की 26,049 शिकायतें दर्ज हुईं, जो 2023 तक बढ़कर 15 लाख से अधिक हो गईं। 2021 से 2022 के बीच साइबर अपराधों में 113.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई एवं केवल 6 महीनों में 11,269.83 करोड़ रुपये का नुकसान ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से हुआ। डॉ. सिंह ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे सजग और सतर्क रहते हुए साइबर क्राइम रोकथाम एवं जागरूकता के लिए सामूहिक प्रयास करें। कार्यक्रम की रुपरेखा एवं आभार प्रदर्शन पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, उज्जैन के निरीक्षक श्री नितिन अमलावद ने किया। तकनीकी संयोजन और सेमिनार का समन्वयन,विक्रम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के शिक्षक डॉ. लोकेश लधानी द्वारा किया गया। इस सेमिनार में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनी, स्टाफ, कंप्यूटर विज्ञानं संसथान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के शिक्षकगण एवं छात्रों ने प्रतिभागिता की।