निर्मोही अखाड़े में अवैध तरीके से महंत की नियुक्ति के प्रयास
रामजन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य ने जताया विरोध, कहा- नियुक्ति अवैध
उज्जैन। अंकपात स्थित श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़े में महंत की नियुक्ति पर नया विवाद उत्पन्न हो गया है। शुक्रवार को अखाडे से जुडे कुछ संतो ने चित्रकूट बैठक से जुडे वृंदावन के संत रामचरणदास को उज्जैन का महंत का प्रभार सौंप दिया। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट अयोध्या के ट्रस्टी और निर्मोही अखाडे की अयोध्या बैठक के महंत दिनेंद्रदास जी ने उज्जैन में हुई तथाकथित नियुक्ति पर विरोध जताया है। उन्होंने वक्तव्य दिया है के उज्जैन में की गई महंत की नियुक्ति वैधानिक नहीं है।
गौरतलब है कि श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाडा उज्जैन के महंत का दायित्व जयपुर के महंत रामसेवक दास जी के पास था। उज्जैन में उनके प्रतिनिधि के रूप में शिष्य महंत लालदास दायित्व संभालते थे। गत 25 जनवरी को प्रयागराज कुंभ में महंत रामसेवक दास जी का देहांत हो चुका है। उनके देहांत के उपरांत चित्रकूट बैठक से जुडे महंत भगवानदास जी, महंत नृसिंहदास जी और महंत मदनमोहनदास जी उज्जैन आए और यहां वृंदावन के संत चरणदास को उज्जैन बैठक के महंत का प्रभार सौंप दिया।
फैसले में शामिल नहीं पांच महंत
उज्जैन में श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाडे के संचालन का जिम्मा अखाडे के अधीन बनी 11 ट्रस्टियों की समिति का है। अखाडे के पंचो को ही उज्जैन में नया महंत नियुक्त करने का अधिकार है। समिति के 11 सदस्यों में से तीन महंत रामसेवक दास जी जयपुर, महंत रामचंद्रदास जी पालमपुर और महंत लालजीशरणदास जी अहमदाबाद का निधन हो चुका है। शेष बचे आठ में से पांच महंत दिनेंद्रदास जी अयोध्या, महंत अयोध्यादास जी अभिरामपुर गुजरात, महंत राधेबाबा केकडी राजस्थान, महंत रामसखादास जी चित्रकूट और महंत रामस्वरूपदास जी चित्रकूट इस समय कुंभ में अथवा अपने स्थान पर है। इन सभी की अनुपस्थिति में ट्रस्ट से जुडे केवल तीन सदस्य महंत भगवानदास जी चित्रकूट, महंत नृसिंहदास जी और महंत मदनमोहनदास जी वृंदावन उज्जैन आए और यहां मदनमोहनदास जी ने अपने शिष्य संत रामचरणदास जी को महंत घोषित कर दिया, जबकि अन्य पांच को इस निर्णय की जानकारी ही नहीं थी।
अखाडे की अयोध्या बैठक के महंत महंत दिनेंद्रदास, ट्रस्टी रामजन्मभूमि न्यास अयोध्या ने कहा कि उज्जैन बैठक में महंत की नियुक्ति को लेकर जो भी निर्णय होगा वह सभी पंचो की सहमति के आधार पर लिया जाएगा। पंचो ने मिलकर ही महंत रामसेवकदास जी को उज्जैन का महंत नियुक्त किया था और उनके स्थान पर उनके शिष्य लालदास उज्जैन का प्रभार संभाले हुए थे। महंत रामसेवकदास जी के देहांत के बाद सभी पंच मिलकर दोबारा महंत पद के लिए विचार-विमर्श करेंगे। फिलहाल उज्जैन में कोई महंत नहीं है और केवल प्रतिनिधि के रूप में संत लालदास महंत पद का दायित्व संभाले हुए है। उज्जैन में यदि अवैधानिक तरीके से किसी को महंत नियुक्त कर दिया गया है तो मैं उसे फर्जी महंत करार देता हूं और इस निर्णय का बहिष्कार करता हूं।