धर्म-अध्यात्म
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दी जल संरक्षण की सीख
गोमती कुंड तथा उसके आसपास के क्षेत्र में जमी काई, कीचड़, प्लास्टिक कचरा आदि गंदगी को साफ कर स्वच्छ जल स्वच्छ मन का संदेश दिया

उज्जैन। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी के जन्मदिवस को समर्पित पुनीत सेवा स्वच्छता अभियान में हर संत – भक्त को जल संरक्षण की दिशा में योगदान देने का अवसर मिला। प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तृतीय चरण का देशव्यापी स्वच्छता अभियान, न केवल घाटों और जलस्रोतों की स्वच्छता पर केंद्रित थी, बल्कि घरों में छोटी-छोटी आदतों के माध्यम से जल बचत को भी प्रोत्साहित करती है जिससे जल का सम्मान हो और यह अमूल्य संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके।
उज्जैन के मीडिया सहायक विनोद गज्जर ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से निरंकारी भक्तों ने स्वच्छता अभियान के तहत स्थानीय मुखी त्रिलोक बेलानी के साथ गोमती कुंड तथा उसके आसपास के क्षेत्र में जमी काई, कीचड़, प्लास्टिक कचरा आदि गंदगी को साफ कर स्वच्छ जल स्वच्छ मन का संदेश दिया। इस मौके पर नगर निगम उज्जैन से स्वास्थ्य निरिक्षक कुमार भाटी एवं रामघाट से सुपरवाइजर देवास वर्मा सहित स्थानीय लोगों ने निरंकारी मिशन के स्वच्छता अभियान से प्रभावित होकर प्रशंसा की और सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रति आभार जताया।
उज्जैन के जोनल इंचार्ज राजकुमार गंगवानी ने बताया कि संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में बाबा हरदेव सिंह जी की अनंत शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए इस पवित्र अभियान का आयोजन किया गया। इस वर्ष भी पूर्व की भांति ही ‘आओ सवारें, यमुना किनारे’ का उद्घोष करते हुए इस प्रयास को और व्यापक स्वरूप दिया गया।
स्वच्छता अभियान में सेवा करने वाले भक्तों को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं सत्कार योग्य आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया।
दिल्ली के ग्राउंड नं 8 में एक विशाल सत्संग कार्यक्रम में सतगुरु माता जी ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि पानी अमृत समान है, जिसे प्रकृति ने हमें जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपहार के रूप में प्रदान किया है। इसकी स्वच्छता और संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी स्वाभाविक आदत होनी चाहिए। हम अक्सर अनजाने में अपशिष्ट और गंदगी को जल स्रोतों या अन्य स्थानों पर डालकर प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, जिससे पर्यावरण को हानि होती है। इसी चिंतन से प्रेरित होकर, ‘प्रोजेक्ट अमृत‘ जैसी सामाजिक पहल की शुरुआत की गई है, जो जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
संत निरंकारी मंडल के सचिव एवं समाज कल्याण प्रभारी श्री जोगिंदर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में आयोजित हुई ‘अमृत प्रोजेक्ट’ परियोजना के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पूर्ण रूप से पालन किया गया। युवाओं की विशेष भागीदारी इस अभियान का प्रमुख आधार रही। उन्होंने यह भी सूचित किया कि यह मुहिम केवल एक दिन की नहीं, अपितु हर माह विभिन्न घाटों व जल स्रोतों की स्वच्छता के लिए निरंतर जारी रहेगी। बाबा हरदेव सिंह जी के जन्मदिवस को समर्पित इस पुनीत सेवा अभियान में हर संत को जल संरक्षण की दिशा में योगदान देने का अवसर मिला। यह पहल न केवल घाटों और जलस्रोतों की स्वच्छता पर केंद्रित थी, बल्कि घरों में छोटी-छोटी आदतों के माध्यम से जल बचत को भी प्रोत्साहित करती है जिससे जल का सम्मान हो और यह अमूल्य संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके।