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धारा के विपरीत चलने वाले ही इतिहास बनाते हैं- सुनील देवधर

(नोइनो) की राष्ट्रीय समिति की दो दिनी बैठक के क्षेत्रीय समिति का अधिवेशन

उज्जैन। संगठन में अपने कर्तव्यों को ठीक ढंग से निभाने और अपना तन-मन-धन अर्पण कर ही संगठन को आगे बढ़ाया जा सकता है। संगठन में श्रद्धा, सबूरी और परस्पर विश्वास रखकर ही मिल कर चला जा सकता है। धारा या प्रवाह के विपरीत चलने वाले ही इतिहास बनाते हैं।
ये विचार नेशनल आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इन्सुरेंस ऑफिसर्स (नोइनो) की राष्ट्रीय समिति की दो दिनी बैठक के क्षेत्रीय समिति के अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय राजनेता और नोइनो के सरंक्षक सुनील देवधर जी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किये। विशेष अतिथि प्रकाश चितौडा ने कहा कि आपका संगठन राष्ट्रीय संस्कारों से ओतप्रोत है और सिद्धांतो और विचारों पर अडिग रहने वाला संगठन है। मुझे उम्मीद है कि अभिकर्ताओं की समस्याओं को हल करने में भी नोइनो सहयोग करेगा। नोइनो के रार्ष्ट्रीय अध्यक्ष गणेश कामथ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हम सब को मिलकर अपने संगठन के बारे में न केवल सोचना होगा बल्कि आगे बढ़कर सहयोग भी करना होगा। अपनी जगह पर यदि हम डटे रहे तो हमारे सारे कार्य भी होंगे। नोइनो के राष्ट्रीय महासचिव वाय. एन. मूर्थी ने कहा कि आज प्रथम श्रेणी अधिकारियों की स्थिति बेहतर हुई है और संगठनात्मक गतिविधियों में सम्मिलित होकर और बेहतर किया जा सकता है। स्वागत भाषण क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष डॉ. हरीशकुमार सिंह ने दिया। संगठनात्मक विवरण क्षेत्रीय महासचिव एस. विनोद सहित विभिन्न मंडलों के सचिव ने प्रस्तुत किया।
अधिवेशन का शुभारम्भ दीप आलोकन, श्रमिक गीत और भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी के चित्र पर माल्यापर्ण कर अतिथियों ने किया। अतिथि स्वागत एस. विनोद, विवेक वर्मा, सुभाष पाठक, शैलेश लेले, गजानन भगत, ओ. पी. डागर, एम. एस. ठाकुर, आशुतोष ओढेकर, माधुरी भागवत, नीता खंडेलवाल आदि ने किया। अधिवेशन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मेश हर्डीकर, नीता प्रभावलकर, सरोज कुरुड़कर, श्रीकांत ठोम्बरे, अजय कुरूप, एस. आर नेमा, विवेक वर्मा, एस. विनोद, राजेश दुबे, यशवंत सोलंकी, राहुल भटनागर, मनोज सोनी, परसराम मिश्र, राजेश दांगी सहित मध्यक्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संचालन विवेक वर्मा ने किया और आभार राकेश शुक्ल ने व्यक्त किया।

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