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“डिजिटल इवैल्यूएशन : ए गेटवे तो स्मार्टर लर्निंग सिस्टम्स” विषय पर हुई कार्यशाला

कार्यशाला का उदेश्य डिजिटल मूल्यांकन कार्यप्रणाली के महत्व को समझाना था

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर साइंस में “डिजिटल इवैल्यूएशन : ए गेटवे तो स्मार्टर लर्निंग सिस्टम्स” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उदेश्य डिजिटल मूल्यांकन कार्यप्रणाली के महत्व को समझाना था।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने विश्वविद्यालयों में डिजिटल मूल्यांकन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अनेको उदाहरणों के माध्यम से बताया कि यह प्रणाली मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक हो सकती है। कार्यशाला के प्रारंभ में अतिथियो का स्वागत कंप्यूटर साइंस के निदेशक डॉ. कमल बुनकर ने किया। इंजीनियरिंग साइंसेज संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल तकनीक जीवन के हर क्षेत्र में सुविधा एवं सुगमता ला रही है एवं इस तकनिकी के माध्यम से मूल्यांकन जेसे कार्यो को भी सुगम बनाने की दिशा में यह एक अच्छा प्रयास है। इस अवसर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के राजकुमार सिंह ने डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली को विस्तारपूर्वक समझाया एवं प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तरों का समाधान किया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. एम.एल. जैन ने भी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए समझाया कि मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान होने वाली त्रुटियों को कैसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान अनुशासन और गोपनीयता बनाए रखने के महत्व को प्रतिपादित किया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों के शिक्षको एवं संकाय सदस्यों ने सहभागिता की। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर के नोडल अधिकारी एवं उध्मिता सेल के समन्वयक शेखर डिसावल ने सभी अतिथियो का आभार माना।

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