कला का कोना
जैन कवि संगम की काव्य गोष्ठी में अनिल पांचाल सेवक सम्मानित
नव वर्ष मिलन समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन

उज्जैन। जैन कवि संगम द्वारा नव वर्ष मिलन समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी में विचार क्रांति मंच के संयोजक अनिल पांचाल सेवक को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया तथा उनकी सामाजिक धार्मिक एवं साहित्यिक गतिविधियों के लिए उनका शाल, माला एवं अभिनंदन पत्र से सम्मान किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश चौरडिया रहे एवं अध्यक्षता जैन कवि संगम के प्रदेश अध्यक्ष सुगनचन्द जैन ने की। शुभारंभ अवसर पर राकेश चौरडिया की महावीर वंदना के पश्चात संगीता तल्लेरा एवं डॉ खुशबू बाफना ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि दिलीप जैन ने अपनी रचना में ’“रंगमंच की हम कठपुतली डोरी उसके हाथ““ की प्रस्तुति दी। राजेश जैन अजंता ने अपनी शायरी के माध्यम से सबको खूब हंसाया। डॉ चित्रा जैन ने अपनी रचना के माध्यम से आगाह किया “’मत रोकना कभी अपने कदमों को मेहनत से सफलता सबको मिलती है“। भारती जैन ने पर्यावरण पर शानदार कविता प्रस्तुत की। राकेश खेमसरा ने ’“ज्ञान की गंगा बहा मां शारदे“ के रूप में गजल प्रस्तुत की। डॉ खुशबू बाफना ने “बचपन की यादों को ताजा करते हुए बचपन कैसा होता है,रचना पढ़ी।“ सुदीप जैन ने “जिक्र करूं मैं कैसे किसी का मेरा कोई अपना नहीं’’ गीत पढ़ा। संगीता तल्लेरा ने मालवी में ““अणी बार तो ठंड, घणो मजो लायी।“ की शानदार हास्य रचना पढ़ी। राजेंद्र जैन ने“’ मैंने मां-बाप को सदा उसके सानी रखा जिसने मेरे सर पर हाथ आसमानी रखा“। राकेश चौरडिया ने “मां मेरी है सबसे अनमोल“ नामक मां की रचना पढ़ी, जिसे खूब सराहा गया। सुगनचंद जैन ने शहीदों के सम्मान में ““हो गए शहीद जो सीमा पर हम उनको नमन करें““ कविता पढ़ी। संचालन कर रहे योगेंद्र बेनाडा ने राम मंदिर तथा विद्यासागर महाराज पर कविता पाठ किया। अनिल पांचाल सेवक ने भी काव्य पाठ किया जिसमें उन्होंने कहा की ’’जरूरी नहीं तुम समाज में सितारा बनो यदि बन सको तो किसी का सहारा बनो“। जैन कवि संगम की सक्रिय सदस्य संगीता तल्लेरा का कवि संगम की प्रदेश कार्यकारिणी में प्रदेश सहसचिव बनने पर उनका भी सम्मान किया। कार्यक्रम के समापन पर जैन कवि संगम के प्रदेश अध्यक्ष सुगनचन्द जैन ने सबका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।