जागृति और चेतना का उद्घोष किया महर्षि दयानंद ने -आचार्य पांडे
ईश्वर काल और स्थान से परे हैं- आचार्य जीवन

आर्य समाज में ऋषि बोधोत्सव के साथ मनाया महाशिवरात्रि पर्व
उज्जैन। आर्य समाज मंदिर उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व ऋषि बोधउत्सव के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आचार्य स्वामीनाथ पांडे ने कहा कि इतिहास में सोमनाथ की घटना से हमने कोई सबक नहीं लिया। हमें ऐसी जड़ पूजा नहीं चाहिए जो हमें अकर्मण्य बना दे। हम धर्म के नाम पर अपने कर्तव्य से हट रहे हैं। भगवान शिव विराट महाकाल के रुप में कल्याणस्वरुप है वह सृष्टि के कण कण में विद्यमान है। हमारे कथावाचको ने महापुरुषों की वीरता को कभी प्रकट नहीं किया, हम कर्म से विमुख होकर वेदविहीन हो गए हैं। आचार्य धर्मदेव ने कहा महापुरुष सत्य और न्याय के मार्ग से विचलित नहीं होते, अज्ञान की बेड़ियों से जकड़े समाज को महर्षि दयानंद ने ही सत्य मार्ग दिखाया। ऋषि ने योग की उच्च अवस्था को आत्मसात किया। हमारा कर्तव्य है कि हम ऋषि के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाएं, वैदिक विद्वान पंडित राजेंद्र व्यास ने कहा कि ऋषि दयानंद जनमानस में जागृति व चेतना का उद्घोष किया जहां वेद है। वहां आर्य समाज है प्रारंभ में आचार्य जीवनप्रकाश ने वैदिक मत्रों से विश्व कल्याण महायज्ञ संपन्न करवाया। जिसमें मुख्य यजमान पूर्व प्रधान ओमप्रकाश यादव और आर्यजनो ने औषधीय सामग्री से आहुतियां प्रदान की। ईश प्रार्थना विष्णु शर्मा ने प्रस्तुत की और भजन संपत पाटीदार ने प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन ललित नागर ने किया और आभार प्रधान सुरेश पाटीदार ने व्यक्त किया। वैदिक जयघोष डॉ राम प्रसाद मालाकार ने किया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर वेद प्रकाश आर्य, रमेश पाटीदार, भरत आर्य, पवन पांचाल, स्वप्निल व्यास, नरेंद्र भावसार, गोपाल सोनी और मंजुला यादव, ज्ञानेश्वरी देवी, अयोध्या पाटीदार सहित नगर के धार्मिक, वैदिक, धर्मालुजन उपस्थित रहें।