कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने की विशेष अनुमति वापस लेने की मांग
अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस विशेष अनुमति का कर रहे दुरुपयोग, इसके खिलाफ उज्जैन सहित “भारत के 12.40 लाख आंदोलन की राह पर“
उज्जैन। कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने की विशेष अनुमति का अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो रहा है, इस विशेष अनुमति को तुरंत वापस लिया जाने का आग्रह ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने केंद्र सरकार से किया है।
उज्जैन जिला केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष राधेश्याम त्रिपाठी एवं सचिव मनोज दुग्गड़ ने बताया कि ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) पूरे भारत में सभी 12.40 लाख केमिस्ट एवं वितरको का प्रतिनिधित्व करता है। एआईओसीडी ने तीसरी बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के दौरान जारी अधिसूचना जीएमआर 220 (ई) को रद्द करने की अपील की है।
यह अधिसूचना जीएमआर 220 (ई) कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में प्रकाशित की गई थी, जिसमें दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को विनियमित करने के लिए औषधि अधिनियम की धारा 26 वी के तहत कुछ शर्तों के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था, और इसके तहत घर-घर दवाइयों की आपूर्ति की अनुमति दी गई थी और कुछ नियमों, जैसे दवाओं की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर मुहर लगाने की आवश्यकता (नियम 65) को अस्थायी रूप से केवल विशेष परिस्थितियों के रूप में अलग रखा गया।
अध्यक्ष जे एम शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से आपानकालीन स्थितियों में दवाओं की डिलीवरी करना था, लेकिन अब स्विगी और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा आवश्यक नियामक सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना घर पर दवाएं पहुंचाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है ये सभी अवैध प्लेटफॉर्म बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं विक्रय कर रहे हैं, जिसमें स्वचिकित्सा, नशीली दवाओं का दुरुपयोग और रोगाणु रोधी प्रतिरोध (एएमआर) जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। ऐसे मभी अवैध प्लेटफॉर्म मरीजों की सुरक्षा को नजर अंदाज करके केवल अपने मुनाफे पर ध्यान केंद्रिन कर रहे हैं। एआईओसीडी ने कहा है कि इस अधिसूचना का मूल उद्देश्य विशिष्ट परिस्थितियों में वैध लाइसेंस प्राप्त नजदीकी दवा विक्रेताओं के लिए दवाओं की डिलीवरी करना था न कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को दरकिनार करना। ये सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अपनी सुविधा के लिए दवा वितरण के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिसका आम जनता के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।