कड़ाबीन की गूंज के बीच हुई भगवान दत्तात्रेय की महाआरती
भगवान दत्तात्रेय के गूंजे भजन, आतिशबाजी के साथ मनाया भगवान का जन्मोत्सव
उज्जैन। महाकाल मंदिर के समीप स्थित अतिप्राचीन दत्त मंदिर में 14 दिसंबर की शाम कड़ाबीन की गूंज के बीच भगवान दत्तात्रेय की महाआरती हुई। भगवान दत्तात्रेय के भजन गूंजे साथ ही आतिशबाजी के साथ भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया।
अध्यक्ष पं. संजय दिवटे, सचिव पं. सुशील मुले ने बताया कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर 14 दिसंबर शनिवार को दत्तात्रेय के भक्तों के लिए तीर्थ के समान अतिप्राचीन दत्त मंदिर में दत्तात्रेय जयंती पर सुबह भगवान दत्तात्रय का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। तत्पश्चात भगवान का विशेष श्रृंगार कर कर छप्पन भोग लगाया गया। शाम को जीवाजीगंज मंडल अध्यक्ष रितेश जटिया, सराफा मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी, पूर्व सीएमओ डॉ. संजय शर्मा, कार्यक्रम संयोजक पं. विश्वास कराड़कर, अनंत टिकेकर, राजू निंबालकर, समीर दाते, संतोष तेलंग, कौस्तुभ मुले, मनीष मालवीय, सौमित्र मुले, भारती बक्षी, जया खेड़कर, मंगला बक्षी, वैशाली दिवटे, समस्त कार्यकारिणी महाराष्ट्र तरूण मंडल, भक्तों ने भगवान दत्तात्रय के दर्शन पूजन कर महाआरती की। महाआरती पश्चात उज्जैन की प्राचीन मंडली श्री वीर हनुमान भक्त मंडल कार्तिक चौक के पंडित जस्सू गुरु महाराज द्वारा सुंदरकांड व भजनों की संगीतमय प्रस्तुति दी। जयंती महोत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा कर सजाया गया। फूलों और गुब्बारों से सजा मंदिर दिव्य और अनुपम दिखाई दे रहा था। सुबह से देर रात तक बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन लाभ लिये।
पुजारी संजय दिवटे ने बताया श्री वासुदेव सरस्वती टेमरे स्वामी भगवान दत्तात्रेय के अवतार माने जाते हैं। अवंतिका प्रवास के दौरान वें महाकाल मंदिर के हाथी द्वार के समीप स्थित भगवान दत्तात्रेय के मंदिर में ठहरे थे। उनकी चरण पादुकाएं आज भी मंदिर में विराजित हैं। भक्तों ने उनकी प्रतिमा की स्थापना भी मंदिर में की है। प्रतिदिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा अर्चना के साथ टेमरे स्वामी की पादुका व प्रतिमा की पूजा अर्चना की जाती है। देशभर से भक्त यहां दर्शन पूजन के लिए आते हैं।