एसी कोच में सामान्य यात्री, टॉयलेट गंदे, अनाधिकृत लोग पाउच बेच रहे
सफर में समस्याओं से सामना, उज्जैन के डॉ. खंडेलवाल ने भारतीय रेलवे में स्वच्छता और यात्री सुविधाओं में सुधार हेतु भेजे सुझाव

उज्जैन। एसी कोच में अन्य सामान्य यात्री अनाधिकृत प्रवेश कर रहे थे, कोच में यात्रियों के पास आवश्यकता से अधिक सामान था। कोच और टॉयलेट अत्यंत गंदे थे; टॉयलेट में लिक्विड सोप नहीं था और प्रेशर वॉश की सुविधा नहीं थी। कोच में अनाधिकृत विक्रेता गंदे हालत में पाउच बेच रहे थे।
उक्त समस्याओं का सामना उज्जैन निवासी डॉ. अशोक खंडेलवाल ने 13 जनवरी 2025 को हैदराबाद से भोपाल की यात्रा गोरखपुर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12590) के कोच बी1, सीट संख्या 23 पर करने के दौरान किया। यात्रा के बाद इन समस्याओं के समाधान हेतु भारतीय रेलवे में स्वच्छता और यात्री सुविधाओं में सुधार हेतु एक पत्र ग्रह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, चेयरमैन रेलवे बोर्ड, महाप्रबंधक, भारतीय रेलवे, रेल मंत्रालय को लिखा। रेलवे सेवाओं के लिए लिखे इस पत्र में सुझाव दिया कि टॉयलेट में एक्जॉस्ट फैन की स्थापना हो जिससे टॉयलेट सूखे और स्वच्छ रहें। रात्रि में कोच के प्रवेश द्वार पर सामान्य यात्रियों का प्रवेश प्रतिबंधित हो। ट्रेनों में भीख मांगने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं। खाद्य सेवाएं केवल अधिकृत विक्रेताओं द्वारा ही प्रदान की जाएं। प्रत्येक कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और एक नियंत्रण कक्ष द्वारा निगरानी रखी जाए। कोच में नियमित रूप से स्वच्छता और अन्य दिशा-निर्देशों के लिए उदघोषणा सेवाएं संचालित करें। कोच में कचरा निपटान के लिए पर्याप्त डस्टबिन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। साफ सफाई के लिए एक विजिलेंस बनाया जाये एवं हर ट्रैन में 6 व्यक्तियों का स्टाफ सफाई हेतु नियुक्त किया जाये। सीनियर सिटीजन को 3 तक ए सी में आरक्षण सेवाएं अधिकाँश रेलों में उपलब्ध नही है जो देश के उन नागरिको का अपमान है जिन्होंने इस देश को संवारा है, उन्हें सेवाओं में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
इंदौर और उज्जैन जैसे शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इंदौर ने लगातार सात बार स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिसमें प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयास शामिल हैं। स्वच्छता मित्रों के सम्मान और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ के नागरिक कागज का टुकड़ा भी जेब मे रख डस्टबिन ढूंढते है। इसी प्रकार, उज्जैन में भी स्वच्छता मित्रों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भाग लिया और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। इन शहरों के उदाहरणों से प्रेरणा लेते हुए, भारतीय रेलवे भी स्वच्छता के उच्च मानकों को अपना सकता है। डॉ. अशोक खंडेलवाल ने अनुरोध किया कि उपरोक्त सुझावों पर विचार किया जाए, जिससे भारतीय रेलवे की सेवाओं में सुधार हो सके और यात्रियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्राप्त हो।