एक अनोखे पिता के मन की बात
अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम में सुधीर भाई 22 से अधिक नाती-नातिन के नाना बन सैकड़ों बालिकाओं का जीवन संवार स्वावलम्बी बना रहे

उज्जैन। अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम में आज एक बेटी का फोन ने खुशी के आंसू छलका दिए, उसने खुशी-खुशी बात की और कहा कि पिताजी मैं बहुत अच्छी हूं और आपका नाती आपसे बात करना चाहता है यह सुन मेरी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े, मैं यह उसे बता नही पाया किन्तु उसका खुशहाल जीवन देख बहुत ही भावुक सा हो गया। उसने मुझे उसकी शादी की सालगिरह पर फोन लगाया था। वर्ष 2020 की बात है जब ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम की पहल पर तत्कालिक जिला कलेक्टर श्री संकेत भाण्डवे के निर्देशन में जिला-प्रशासन-आनन्दकों के सहयोग से मुख्यमंत्री कन्या विवाह मेघदूत गार्डन उज्जैन में 122 जोड़ो के साथ सेवाधाम आश्रम की 29 विशेष बेटियों एवं 2 दिव्यांग बेटो का विवाह सम्पन्न हुआ। इस विवाह में सामूहिक कन्यादान में मैंने धर्मपिता बन बेटियों को सुधीर भाई ‘‘पिता’’ एवं धर्ममाता श्रीमती कांता भाभी ‘‘माँ’’ का पिता-माता का नाम देकर कन्यादान किया जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड में दर्ज हुआ। इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष एवं विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. वेद प्रताप वैदिकजी सहित अनेक गणमान्यजन विवाह में सम्मिलित थे।
आज इस बात को पाँचवा वर्ष होने आया है इनमें से अधिकतर बेटियाँ अपने घर में खुश ही नही बल्कि 22 से अधिक अनेक बेटे-बेटियों के माता-पिता बन गए है। समय-समय पर वह सेवाधाम में आते है और उनके खुशहाल जीवन को देख मन बहुत ही प्रसन्न होता है। यह अनूठा विवाह चीर स्मरणीय एवं आजीवन याद रहेगा क्योंकि विदाई पश्चात सेवाधाम आश्रम में सबका मन भारी था, विदाई के समय आश्रम की बेटियों सहित कांता भाभी, मोनिका, गौरी, अनिता गोयल एवं आश्रम की सहेलियों के गले लगकर खूब रोई एवं अपने मायके छोड़ ससुराल गई थी, और ऐसे अनोखे पिता को ओर क्या चाहिए। आज भी अनेक बेटियाँ अपने बच्चों के साथ सेवाधाम आश्रम माईके में आती है उन्हें वहीं सम्मान मिलता है जो एक बेटी को परिवार में मिलना चाहिए। आज भी सैकड़ो बालिकाऐं आश्रम में रहकर उनका जीवन संवारते हुए स्वावलम्बी बन रही है।