ऋषि गुरुकुल चिंतामन में साहित्य, ग्रंथ, वितरण
भारतीय संस्कृति की धरोहर को अक्षुण रखने के लिए इस प्रकार के गुरुकुल आवश्यक- प्रोफेसर पाराशर
उज्जैन। प्रसिद्ध साहित्यकार, विद्वान प्रो. शैलेन्द्र पाराशर, वरिष्ठ मालवी साहित्यकार शिव चौरसिया, वेद विद्या प्रतिष्ठान के लवी त्यागी, कुंज बिहारी, ऋषि गुरुकुल के परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्मा द्वारा वेद पाठी बटुकों को साहित्य ग्रंथ, पाठ्यपुस्तक व अन्य सामग्री वितरित की गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर पाराशर द्वारा वेद पाठी बच्चों को सस्वर वेद पाठ की सराहना की एवं कहा कि भारतीय संस्कृति की धरोहर को अक्षुण रखने के लिए इस प्रकार के गुरुकुल आवश्यक है। वेद विद्या प्रतिष्ठान के लवी त्यागी ने कहा कि ऋषि गुरुकुल वास्तव में परमाचार्य के अथक प्रयास से सर्वांगीण रूप से धर्म आध्यात्मिक की प्रगति के लिए एक पीढ़ी तैयार कर रहा है। कुंज बिहारी ने इस अवसर पर कहा कि इस गुरुकुल में बच्चे न सिर्फ वेद अध्ययन कर रहे हैं बल्कि वह भारतीय संस्कृति और भारत के विश्व गुरु बने के सपने को साकार करने की कोशिश में लगे रहे, इसका भरपूर प्रयास किया जा रहा है। समय-समय पर विद्वान ऋषि मुनि राजनेता अधिकारी समाजसेवी एवं साहित्य प्रेमी विभूतियां को आमंत्रित कर इनके मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए गुरुकुल हमेशा प्रतिबद्ध है। अतिथि सम्मान गुरुकुल के व्यवस्थापक सुरेश शर्मा द्वारा किया गया एवं आभार गुरुकुल की प्रबन्ध ट्रस्टी विष्णुदेवी शर्मा ने माना।