पाठशाला

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर थाईलैंड में महिला समागम

जर्मनी, जापान, चीन, ताईवान, नेपाल, बर्मा, तिब्बत एवं थाईलैंड के अतिरिक्त भारत के विभिन्न प्रांतों की महिलाओं ने भी सहभागिता की

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के भारतीय भाषा प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय भाषा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से थाईलैंड में एक अंतर्राष्ट्रीय महिला समागम का आयोजन किया गया। यह समागम विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अर्पण भारद्वाज के मार्गदर्शन में भारतीय भाषा प्रकोष्ठ की संयोजक प्रो. गीता नायक के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में जर्मनी, जापान, चीन, ताईवान, नेपाल, बर्मा, तिब्बत एवं थाईलैंड के विभिन्न क्षेत्रों और विश्वविद्यालयों से अनेक महिलाओं के अतिरिक्त भारत के विभिन्न प्रांतों की महिलाओं ने भी सहभागिता की। थाईलैंड में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय महिला समागम की विशेषता यह थी की इसका आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में महिला दिवस के अवसर पर आयोजित विक्रम नारी सम्मान की निरंतरता में किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय में महिला दिवस उत्सव मनाने के साथ ही थाईलैंड में भी महिला दिवस के उपलक्ष्य में इस अंतर्राष्ट्रीय महिला समागम का आयोजन किया गया, जिससे महिलाओं के योगदान को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक सशक्त पहल की गई।
समागम के दौरान प्रो. गीता नायक ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की जानकारी साझा की उन्होंने भारतीय भाषा की समृद्ध परंपरा, उसकी वैश्विक उपयोगिता और प्रचार-प्रसार की दिशा में किए जा रहे कार्यों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभिन्न देशों की महिलाओं को भारतीय भाषा और संस्कृति में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस अंतर्राष्ट्रीय महिला समागम के माध्यम से भारतीय भाषा को वैश्विक मंच पर मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। इस कार्यक्रम में इंडिया नही भारत ,भारतीय भाषाओं की प्रासंगिकता, उसके विविध आयामों एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को भारतीय भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए एक उल्लेखनीय कदम बताया और इसके माध्यम से अन्य देशों में भी भारतीय भाषा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने कहा की भविष्य में भी विक्रम विश्वविद्यालय इस प्रकार के आयोजन अन्य देशों में भी आयोजित कर विक्रम विश्वविद्यालय का नाम वैश्विक पटल पर दर्ज करता रहेगा। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के इस सराहनीय प्रयास की व्यापक सराहना की गई और यह आयोजन वैश्विक पटल पर भारतीय भाषा के महत्व को स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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